..तो अबकी बार इस तबेले में लगेगा नौचंदी मेला
मेरठ : शहर के इतिहास को संजोकर सांप्रदायिक सौहार्द की खुशबू बिखेरने वाला नौचंदी मेला इस बार जिला पंच
मेरठ : शहर के इतिहास को संजोकर सांप्रदायिक सौहार्द की खुशबू बिखेरने वाला नौचंदी मेला इस बार जिला पंचायत के हवाले है। होली के दूसरे रविवार को परंपरागत रूप से लगने वाला यह मेला बीतते वक्त के साथ अपनी गरिमा और प्रभाव खोता जा रहा है। सरकारी तंत्र की लापरवाही और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे इस मेले की शुरुआत में महज दिन बचे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इसके वजूद पर सवाल खड़ा कर रही है।
नौचंदी मैदान में दुकानों के लिए बने स्थान में अभी तक भैंसों का डेरा है। पशुपालक यहां पशु बांध रहे हैं। पशुओं के मल-मूत्र के कारण गंदगी ने पैर पसार रखे हैं। वहीं बीते दिनों हुई बारिश ने मैदान का चेहरा कुरूप कर डाला है। गारा और कीचड़ का आलम यह है कि यहां से वाहन से तो दूर पैदल निकलना भी मुश्किल है।
आपसी सद्भाव और भाईचारे की मिसाल देने वाला नौचंदी मेला अब औपचारिकता बनकर रह गया है। मेले में आने वाले दुकानदार हर बार घाटे और उपेक्षा के चलते रोते दिखते हैं। होली का पर्व 5 मार्च को है। ऐसे में नौचंदी मेले का पारंपरिक उद्घाटन 15 मार्च को रविवार को होना है। लेकिन मैदान में पसरी गंदगी और अव्यवस्थाओं का अंबार देखकर अभी से मेले की उपेक्षा होती दिख रही है।
पटेल मंडप के भीतर भी पशुओं का विचरण और यहां बने कार्यालय में कर्मियों की अनुपस्थिति ने मेले को उपेक्षा के गर्त में धकेल दिया है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि इस बार भी क्या मेला औपचारिकता बनकर रह जाएगा। बता दें, जिला पंचायत और नगर निगम के बीच विवाद पर न्यायालय ने दोनों को एक-एक वर्ष आयोजन के आदेश दिए हुए हैं। इस बार जिला पंचायत की ओर से मेला लगेगा। इस बाबत जिला पंचायत अध्यक्ष मनिन्दर पाल सिंह ने कहा कि मेले में अभी कई दिन हैं। होली के बाद मेले में सफाई अभियान चलाया जाएगा। इस बार मेला पिछले सालों की अपेक्षा अधिक आकर्षक और रौनक वाला होगा।