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हंगामेदार बैठक में पास हुआ 185 करोड़ का बजट

मोदीपुरम (मेरठ) : सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सभागार में प्रबंध समित

By Edited By: Published: Sun, 01 Feb 2015 01:33 AM (IST)Updated: Sun, 01 Feb 2015 01:33 AM (IST)
हंगामेदार बैठक में पास हुआ 185 करोड़ का बजट

मोदीपुरम (मेरठ) : सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सभागार में प्रबंध समिति की बैठक हंगामेदार रही। चार घंटे चली मैराथन बैठक में बजट सहित कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पास हुए।

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बैठक में कई मुद्दों को लेकर विधायक ठाकुर संगीत सोम ने विरोध व्यक्त किया। इसमें भर्ती प्रक्रिया का मामला प्रमुख रहा। उन्होंने कहा कि वित्तीय एप्रूवल मिले बिना भर्तियां किया जाना गलत है। उन्होंने निदेशक और कुल सचिव पद पर वरिष्ठता के अनुसार तैनाती मांग की। पूर्व कुलपति के कार्यकाल में हुए साठ लाख रुपये के घोटाले की बाबत जांच रिपोर्ट पटल पर रखे जाने की मांग विधायक संगीत सोम ने की।

भर्ती प्रक्रिया को लेकर सरधना विधायक की वरिष्ठ शिक्षक नेता और विधान परिषद सदस्य ओमप्रकाश शर्मा और नव मनोनीत सदस्य महेश कौशिक के बीच वाद-विवाद भी हुआ। विधायक ने नियुक्तियों के बाबत राज्यपाल और शासन से आदेश आने के बाद ही आगे की कार्रवाई करने की बात कही।

कुलपति डा. एचएस गौड़ ने बताया कि कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत शिक्षकों के प्रोन्नति पर कार्रवाई आरंभ की जाएगी। बैठक में प्रमुख सचिव कृषि और कृषि शिक्षा अनिल मोहन प्रसाद, विधायक प्रभुदयाल वाल्मीकि, वित्त नियंत्रक सतेंद्र सिंह सहित अन्य सदस्यों ने भाग लिया।

यह प्रस्ताव हुए पास

वर्ष 2015- 16 के लिए 185 करोड़ का बजट

प्रशासनिक भवन में लिफ्ट

शासन से नौ करोड़ की मांग

31 मार्च तक शिक्षकों की वरिष्ठता क्रम की सूची तैयार करना

66 शैक्षिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया आरंभ करना

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किसानों का विश्वविद्यालय को बर्बाद नहीं होने देंगे

सरधना विधायक ठाकुर संगीत सोम ने दुल्हैड़ा स्थित रेस्टोरेंट पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भर्ती का वह विरोध नहीं कर रहे हैं। उनका विरोध व्यवस्था को लेकर है। उन्होंने कहा कि पूर्व में हुई भर्ती परीक्षा में अंग्रेजी में प्रश्नपत्र वितरित किया गया और रातों रात उसे ¨हदी में अनूदित किया गया। इससे पूरी परीक्षा प्रक्रिया संदेह के घेरे में आ गई है। उसे निरस्त कर नए सिरे से परीक्षा कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता के नाम पर बजट में साठ लाख रुपये रखे गए हैं। इसका हिसाब मांगा गया है कि यह किस मद में खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय से पूरे वेस्ट यूपी का किसान जुड़ा है। इसे किसी कीमत पर बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा।


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