यूं ही नहीं भटक रही थी करोड़पति रुखसाना
मेरठ : छह करोड़ की मालकिन यूं ही दर-दर नहीं भटक रही थीं। उसके पीछे भी 22 साल पुरानी प्रेम कहानी छिपी
मेरठ : छह करोड़ की मालकिन यूं ही दर-दर नहीं भटक रही थीं। उसके पीछे भी 22 साल पुरानी प्रेम कहानी छिपी है। रुखसाना कुरैशी बिरादरी से होने के कारण नावेद के परिवार को पसंद नहीं थी, लेकिन नावेद ने रुखसाना की मोहब्बत में परिवार को भी दरकिनार कर दिया था। इसी के चलते पूर्व चेयरमैन पिता ने नावेद को अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया था।
इस प्रेम कहानी की शुरुआत 22 साल पहले हुई थी। तब रुखसाना के पिता हनीफ भी खतौली के भूड़ इस्लामाबाद में ही रहते थे। दोनों के घर आसपास होने के कारण नावेद और रुखसाना में मोहब्बत हो गई। नावेद कलाल बिरादरी के है, जबकि रुखसाना कुरैशी बिरादरी से गरीब घर की बेटी। नावेद के पिता ने इस प्रेम को स्वीकार नहीं किया। उल्टे नावेद को बेदखल कर उससे ही नाता तोड़ लिया।
नावेद की परिवार में दबंगई के चलते रुखसाना के साथ घर में रहने लगा। हालांकि, उस समय रुखसाना का परिवार वहां से अपने मकान बेचकर मेरठ के सरधना में आकर रहने लगा था। रुखसाना चार बच्चों की मां बन गई थी। तीन साल पहले पिता पूर्व चेयरमैन की मौत के बाद बड़ा बेटा शाकिब ही करीब छह करोड़ की संपत्ति का मालिक बन बैठा, जिसमें एक मैरिज हाल भी शामिल है।
नावेद परिवार में दबंग था। उसने भाई पर फायर झोंक दिया। शाकिब ने नावेद के खिलाफ 2011 में जानलेवा हमले की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके चलते हाल में मुजफ्फरनगर की जेल में बंद है। नावेद के जेल जाने के बाद शाकिब ने उसकी पत्नी रुखसाना और चार बच्चों को घर से निकाल दिया था। तब से महिला अपने चार बच्चों के साथ लिसाड़ीगेट में किराए का मकान लेकर दर-दर भटक रही थी।
तीन साल में बदले छह मकान : पूर्व चेयरमैन के बेटे की पत्नी रुखसाना अपने चार बच्चों को लेकर सबसे पहले जैदी फार्म में रहने लगी थी, उसके बाद श्यामनगर फिर फतेउल्लापुर। उसके बाद मिलन पैलेस के पीछे और मवाना वालों के मकान में। अब वह सुहेल गार्डन में रह रही थी। दरअसल, मकान किराए पर लेते ही बाहरी युवकों का आना जाना शुरू हो जाता था। इसीलिए कहीं मकान मालिक और कहीं मोहल्ले के लोग मकान खाली करा चुके थे। पुलिस ने भी जांच की तो यही मामला सामने आया है।