ठेकेदार ज्ञानेंद्र ने जो चाहा, शासन ने वही किया
मेरठ : महापौर व पार्षदों पर हमला करने के आरोपी ठेकेदार ज्ञानेंद्र के खिलाफ पूरा नगर निगम मिलकर भी को
मेरठ : महापौर व पार्षदों पर हमला करने के आरोपी ठेकेदार ज्ञानेंद्र के खिलाफ पूरा नगर निगम मिलकर भी कोई कार्रवाई नहीं करा सका, लेकिन ज्ञानेंद्र ने बुधवार को शासन में अपनी पकड़ को साबित कर दिया। महापौर, निगम के पार्षद और कर्मचारी तीन दिन से कार्य बहिष्कार और धरना देकर होर्डिग ठेकेदार ज्ञानेंद्र की गिरफ्तारी तथा ठेकेदार के लोगों द्वारा पार्षदों के खिलाफ दर्ज कराई गई रिपोर्ट को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इस आंदोलन का कोई असर अभी तक पुलिस अफसरों पर दिखाई नहीं दिया है लेकिन ठेकेदार ज्ञानेंद्र चौधरी बुधवार को लखनऊ पहुंच गया। ज्ञानेंद्र ने जो चाहा वही आदेश शासन से जारी भी हुआ। प्रमुख सचिव के निर्देश पर शासन के गृह (पुलिस) अनुभाग के उप सचिव सीएल गुप्ता ने एसएसपी को आदेश दिया है कि सुशील सैनी द्वारा पार्षदों के खिलाफ थाना सिविल लाइन में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में तत्काल प्रभावी कार्रवाई की जाए। जबकि नगर विकास अनुभाग के संयुक्त सचिव सुधीर सिंह चौहान ने जिलाधिकारी को आदेश दिया है कि नार्दन एडवरटाइजिंग एसोसिएशन के पत्र के मुताबिक अवैध होर्डिग अभियान में उनके वैध होर्डिग को तोड़ दिया गया तथा अभियान में अवैध रूप से पार्षद पति व पुत्र सक्रिय भूमिका निभाते हुए जानबूझकर होर्डिग एजेंसियों को क्षति पहुंचा रहे हैं। जबकि शासन द्वारा निगम के किसी भी कार्य में पार्षदों के संबंधियों के शामिल होने पर रोक लगाई गई है। उन्होंने डीएम से पार्षद पतियों तथा पुत्र की होर्डिग अभियान में सक्रियता की जांच करके कार्रवाई करने का आदेश दिया है। वहीं ज्ञानेंद्र का कहना है कि उसने एक भी बोर्ड अवैध नहीं लगाया है। दूसरे ठेकेदारों से मिलकर यह क्षति पहुंचाई जा रही है। शासन ने उसकी सही मांगों का समर्थन किया है। उसने दावा किया कि यदि उसका एक भी बोर्ड अवैध मिले तो वह प्रत्येक पर एक लाख रुपया जुर्माना देने को तैयार है। चर्चा रही कि ज्ञानेंद्र एक जनप्रतिनिधि के साथ दिनभर लखनऊ में मौजूद रहा।