आइपीएस अफसर को लगी गोली बयां कर रही नई कहानी?
मेरठ : चेन्नई में तैनात आइपीएस (इंडियन पोस्टल सर्विस) के सहायक पोस्टमास्टर जनरल राहुल कौशिक को गोली
मेरठ : चेन्नई में तैनात आइपीएस (इंडियन पोस्टल सर्विस) के सहायक पोस्टमास्टर जनरल राहुल कौशिक को गोली मारने की घटना पुलिस की जांच में पहले पायदान पर दम तोड़ गई। जिस प्रकार से हमलावरों के वारदात को अंजाम देना बताया जा रहा है, वह तमाम तरह की आशंकाएं पैदा कर रहा है। हालांकि प्रथम दृष्टया पुलिस ने घायल के परिजनों की ओर से ससुरालियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
नौचंदी थाने की फूलबाग कालोनी में मकान 474/2 में राहुल कौशिक अपने परिवार के साथ रहते हैं। इस समय वह चेन्नई में सहायक पोस्टमास्टर जनरल हैं। उनकी पत्नी ¨रकी कौशिक ने लालकुर्ती थाने में राहुल कौशिक, उनके पिता, मां और भाई-बहन के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मुकदमे की विवेचना में जानलेवा हमला ¨रकी के ऊपर नहीं हुआ पाया गया। इसलिए दहेज उत्पीड़न में चार्जशीट तैयार कर दी गई, जिसे जमा करने के लिए आरोपियों को अदालत में बुलाया गया। उनके नहीं पहुंचने पर अभी तक चार्जशीट जमा नहीं हो पाई। उल्टे इसी समय राहुल कौशिक के हाथ में गोली मार दी गई। पुलिस की विवेचना में सामने आया कि जिस प्रकार से राहुल के परिजन गेट से हमला होना बता रहे हैं, उनके झूठ को मेडिकल रिपोर्ट बेनकाब कर रही है। यानी हाथ में लगी गोली दूर से नहीं, बल्कि एक इंच से भी करीब से मारी गई है। हाथ की खाल पर जमा बारूद इसकी पुष्टि कर रहा है। विशेष बात यह है कि गोली हाथ ही हड्डी को नहीं छुई। गोली नाइन एमएम की पिस्तौल से चलाई गई है। परिजनों का तर्क है कि राहुल के ससुरालियों ने दरवाजा खोलने को कहा था। उनकी आवाज पहचानी गई है, जबकि तत्काल उन्होंने यहां तक कहा था कि हमलावरों के पीछे काफी दूरी तक भागे हैं। इससे भी बड़ी बात सामने आई कि जहां से हमला हुआ, वहां कार आने की कोई गुंजाइश नहीं थी, क्योंकि रास्ते में बाकी लोगों के वाहन खड़े हुए थे। पुलिस की जांच के प्रथम पायदान पर मामला बदलता दिखाई दे रहा है। एसओ नौचंदी विनोद कुमार भी मान रहे हैं कि लालकुर्ती में दर्ज मुकदमे में समझौता करने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया है।
गोली की आवाज आई, पर कोई भागा नहीं
पुलिस ने पड़ोसियों के बयान दर्ज किए तो उन्होंने गोली चलने की आवाज आना स्वीकार किया है। उनका तर्क था कि हमलावरों के भागने की कोई आवाज उन्हें सुनाई नहीं दी। इसी के चलते पुलिस ने नामजद आरोपियों की सीडीआर और उनका मौके के समय मौजूद स्थिति की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। सीओ वंदना मिश्रा का कहना है कि जांच के बाद ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।