क्या खूनी गैंगवार में बदलेगा होर्डिग का अवैध कारोबार?
मेरठ : धीरे-धीरे बढ़कर मेट्रो का रुप लेते शहर में अवैध होर्डिग का कारोबार भी बड़ा होता जा रहा है। अनु
मेरठ : धीरे-धीरे बढ़कर मेट्रो का रुप लेते शहर में अवैध होर्डिग का कारोबार भी बड़ा होता जा रहा है। अनुबंध, नियम-कानून, साइट, टैक्स को लेकर सबकी अपनी-अपनी व्याख्याएं हैं, लेकिन होर्डिग माफिया जिस तरह से अब खुलेआम धमका और हिंसक चेतावनी दे रहे हैं, वह संकेत दे रहा है कि कहीं अवैध होर्डिग का कारोबार भी 90 के दशक के मध्य के केबल कारोबार का स्वरुप ने ले ले। जिसमें गैंगवार और कत्लोगारत सामान्य बात थी। पिछले कुछ दिनों से होर्डिग माफिया कभी पार्षदों के हाथ तोड़ने की बात कह रहे हैं, तो कभी जान से मारने की बात। नगर आयुक्त पर भी आरोप लगे कि वे सत्ताधारी पार्टी के राजनीतिक दबाव में हैं। चूंकि निगम में सत्ता भाजपा के पास भी है, इसलिए इस पूरे प्रकरण से उसके नेता भी कन्नी नहीं काट सकते। लेकिन इन सबके बावजूद न तो ठेकेदार पर कोई कार्रवाई हुई और न ही प्रकरण से जुड़े लोग ही बहुत ठोस सफाई पेश कर पा रहे हैं।
क्या दबाव चौतरफा है?
नगर आयुक्त का तथाकथित बयान चर्चा में आया कि वे शाहिद मंजूर और सरोजिनी अग्रवाल के दबाव में हैं। इस बयान पर नगर आयुक्त खुलकर कुछ नहीं बोले। खुलकर भाजपा के महापौर भी नहीं बोले। अवैध होर्डिग के खिलाफ अभियान की वे जोर-शोर से घोषणा करते हैं, लेकिन उसकी कोई दिशा नहीं होती। पार्षदों की एक टोली निकलती है और कुछ जगहों पर होर्डिग हटाकर विवादों में घिरती है। कुछ इसे दबाव बनाने का तरीका बताते हैं तो कुछ पूरे अभियान को भाजपाई बता देते हैं।
सपा-भाजपा सभी से हैं बेहतर संबंध?
पार्षद पति का कहना है कि होर्डिग ठेकेदार ज्ञानेंद्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के घर में था तथा उनके सामने प्रदेश अध्यक्ष के साथ घर से बाहर आया। सत्ताधारी सपा के नेताओं से भी उसके अच्छे संबंध हैं। सवाल है कि इस होर्डिग ठेकेदार में ऐसा क्या है कि सभी राजनीतिक दलों के लोगों इसे हाथों-हाथ ले रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पूरे प्रकरण में अपने पार्षद के साथ खड़ा होने की बात कह रहे हैं, लेकिन फिर भी सवाल तो उठते हैं?
आखिर कुछ तो नियम होगा
ज्ञानेंद्र चौधरी पर आरोप है कि शहर में सबसे ज्यादा जानलेवा पोल उनकी फर्म ने लगाए हैं। नगर आयुक्त से लेकर महापौर तक इस मसले पर कोई साफ रुख अख्तियार नहीं करते हैं। अगर ज्ञानेंद्र की फर्म के होर्डिग अवैध हैं तो उनकी लिस्ट बनाकर कार्रवाई होनी चाहिए,अगर सही हैं तो उन्हें सही बताना चाहिए। लेकिन निगम की चुप्पी और ज्ञानेंद्र की आक्रामकता बताती है कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है। कभी वे पार्षदों के हाथ तोड़ने की बात करते हैं तो, कभी पिस्टल ही तान देते हैं,लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं होता।
धमकियों से नहीं थमेगा अभियान: महापौर
होर्डिग ठेकेदार ज्ञानेंद्र चौधरी ने गुरूवार को बयान दिया था कि यदि पार्षदों ने होर्डिग को हाथ लगाया तो उनके हाथ तोड़ दूंगा। अगले दिन शुक्रवार को उसने पार्षद पति पर पिस्तौल तानकर जान से मारने की धमकी दे दी। इन घटनाओं से नाराज महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा है कि ठेकेदार की धमकियां गीदड़ भभकियां हैं, जिनसे अभियान रुकने वाला नहीं है। ठेकेदार का व्यवहार आपत्तिजनक है। धमकी देने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन व पुलिस से मांग की जाएगी। घटना पर भाजपा के सभी पार्षदों ने नाराजगी जताई तथा कठोर कार्रवाई की मांग की है। ठेकेदार की धमकियों पर चर्चा के लिए पार्षदों ने सर्वदलीय पार्षदों की बैठक बुलाने की मांग की है। महापौर ने जल्द बैठक बुलाने का आश्वासन दिया है।
रिश्वत का आरोप झूठा
वहीं, पार्षद पति रविंद्र तेवतिया ने कहा है कि ठेकेदार ने उन पर पांच लाख रुपये मांगने का झूठा आरोप लगाया है जिससे वे व्यथित हैं। ठेकेदार के खिलाफ मानहानि का दावा किया जाएगा।
सचिन चौधरी ने लगाया आरोप
अभिनव एडवरटाइजिंग एजेंसी के प्रबंध निदेशक सचिन चौधरी ने भी एसएसपी और डीएम को शिकायती पत्र देकर रविंद्र तेवतिया पर गुरूवार को अपने घर बुलाकर पांच लाख रुपये प्रति महीना मांगने तथा न देने पर एजेंसी को काम न करने देने की धमकी देने का आरोप लगाया। सचिन ने बताया कि उसके साथ ज्ञानेंद्र भी था तथा रविंद्र तेवतिया के घर पर संजीव धामा और अजीत सिंह थे। उन्होंने भी 5 लाख देने का दबाव बनाया तथा गालियां दी और जान से मारने की धमकी दी।
पार्षद पति के साथ डीएम से मिले ये
इस दौरान बलराज गुप्ता, राजकुमार मुन्ना, रविंद्र सोलंकी, अजीत सिंह, संजीव धामा, हरीश कुमार, आशू रस्तोगी, गौरव, अशोक प्रधान, दिनेश चौधरी, कैलाश आदि पार्षद तथा पार्षद पति मौजूद रहे।
वर्जन
इन्होंने कहा..
वाजपेयी जी के पास यह बताने गया था कि उनकी पार्टी के लोग क्या कर रहे हैं? जिस समय तेवतिया आए, मैं अध्यक्ष जी के साथ बाहर निकल रहा था। वहां से मैं नोएडा चला गया। मेरा किसी से न कोई झगड़ा हुआ, न ही कोई धमकी दी।
-ज्ञानेंद्र चौधरी, मालिक अभिनव एडवरटाइजिंग
आज सदस्यता अभियान की समीक्षा के लिए मेरठ आया था। घर के बाहर खड़े था, तभी पार्षद पति और ठेकेदार लगभग साथ-साथ पहुंचे और आपस में झगड़ने लगे। हंगामा होते देख मैंने उन्हें शांत कराया और इसके बाद मैं निकल गया। मेरी दोनों में से किसी से कोई बात नहीं हो सकी। पार्षदों ने मिलकर पूरे मामले की जानकारी दी है। मैं अपने कार्यकर्ता, पार्षद के साथ हर समय जी जान से खड़ा रहूंगा।
-लक्ष्मीकांत वाजपेयी,प्रदेश अध्यक्ष भाजपा