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विवाद के बीच फंसा मातृ-शिशु कल्याण केंद्र का निर्माण

मेरठ: महल गांव में एएनएम और पूर्व प्रधान के बीच उच्चीकृत मातृ-शिशु कल्याण केंद्र के निर्माण को लेकर

By Edited By: Published: Tue, 25 Nov 2014 08:38 PM (IST)Updated: Tue, 25 Nov 2014 08:38 PM (IST)
विवाद के बीच फंसा मातृ-शिशु  कल्याण केंद्र का निर्माण

मेरठ: महल गांव में एएनएम और पूर्व प्रधान के बीच उच्चीकृत मातृ-शिशु कल्याण केंद्र के निर्माण को लेकर उपजे विवाद के चलते छह साल से काम खटाई में है। आलम यह है कि विभाग ने दोनों के बीच उपजे विवाद की जानकारी करना भी मुनासिब नहीं समझा और अगली किस्त रुकवा दी। नए प्रधान ने भी स्वास्थ्य विभाग से अधूरे पड़े निर्माण कार्य को पूरा नहीं कराया। आधे-अधूरे बने भवन पर ग्रामीणों का कब्जा है।

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छह साल पहले महल गांव में लगभग साढ़े छह लाख की लागत से उच्चीकृत मातृ-शिशु कल्याण केंद्र का निर्माण होना स्वीकृत हुआ था। तत्कालीन प्रधान ईश्वर और एएनएम सुषमा की देखरेख में उपकेंद्र का निर्माण चल रहा था। उपकेंद्र के निर्माण में लगभग 2.20 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। तभी एएनएम व तत्कालीन प्रधान के बीच कुछ विवाद हो गया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने अगली किस्त रोक दी। एएनएम ने मानक के अनुरूप कार्य न कराने का आरोप लगाया तो तत्कालीन प्रधान ने एएनएम पर धनराशि कम देने की बात कही। ग्रामीण बीर सिंह, महेश और जोगेंद्र ने बताया कि उस दौरान बने भवन में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया था। अधूरा पड़ा भवन का छज्जा अभी से गिरने की हालत में है। कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए शिकायत की गई। लेकिन विभाग की नींद अभी तक नहीं टूटी। वजह चाहे जो भी हो, लेकिन विभाग, पूर्व प्रधान और एएनएम की लड़ाई में गांव की महिलाओं को पिसना पड़ रहा है। टीकाकरण से लेकर गर्भ के समय मिलने वाली जानकारी के लिए महिलाओं को पीएचसी लावड़ पर जाना पड़ता है।

अफसर बोले

मेरे संज्ञान में मामला है। पूर्व प्रधान ईश्वर व एएनएम सुषमा के बीच निर्माण कार्य के दौरान कुछ विवाद होने के चलते निर्माण कार्य रोक दिया गया था। आगे निर्माण न होने के कारण अगली किस्त नहीं मिल सकी। इस कारण निर्माण कार्य दोबारा शुरू नहीं हो सका।

-डा. गजेंद्र सिंह, प्रभारी सीएचसी दौराला।

इन्होंने कहा..

प्रधान बनने के बाद मैंने कई बार पूर्व प्रधान व एएनएम से उपकेंद्र के कागज मांगे, लेकिन मुझे कागज उपलब्ध नहीं कराए गए। हालांकि बैंक का खाता मेरे और एएनएम का ज्वाइंट करा दिया गया था। दोनों के बीच क्या विवाद था, इसकी मुझे जानकारी नहीं है।

-अय्यूब अंसारी, प्रधान महल गांव।


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