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वेस्ट यूपी में दलहन उत्पादन को प्रोत्साहित करने पर जोर

मेरठ : कृषि विवि के प्रसार निदेशालय में गुरुवार को आयोजित कृषि विज्ञान केंद्रों की दो दिवसीय मिड टर्

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 01:17 AM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 01:17 AM (IST)
वेस्ट यूपी में दलहन उत्पादन को प्रोत्साहित करने पर जोर

मेरठ : कृषि विवि के प्रसार निदेशालय में गुरुवार को आयोजित कृषि विज्ञान केंद्रों की दो दिवसीय मिड टर्म रिव्यू कार्यशाला 2014 का शुभारंभ कुलपति डा.एचएस गौड़ ने किया। उन्होंने वेस्ट यूपी में दलहन उत्पादन को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। इससे कृषकों को अतिरिक्त आय के साथ मृदा की उर्वरा शक्ति भी सुधरेगी। केवीके के माध्यम से सरसों की 120 से 130 दिन की प्रजातियों को कृषकों के प्रक्षेत्रों पर पहुंचाने पर जोर दिया।

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क्षेत्रीय परियोजना निदेशालय जोन चतुर्थ कानपुर से परियोजना निदेशक डा.अतर सिंह ने केवीके वन ड्राप मोर क्राप पर जोर देते हुए कहा कि पानी का सदुपयोग किया जाए। बताया कि दस केवीके का राष्ट्रीय कृषि योजना के अंतर्गत गुणवत्तायुक्त बीज, पौध सामग्री उत्पादन हेतु चयन किया गया है। विशिष्ट अतिथि पदमश्री डा.वीपी सिंह ने बताया कि हिंदुस्तान का बासमती 133 देशों को भेजा जा रहा है। इसके अलावा 140 देशों में सामान्य चावल का निर्यात किया जा रहा है। कार्यशाला में विभिन्न जनपदों से आए केवीके के कार्यक्रम समन्यवकों द्वारा केंद्र की छह माह की प्रगति रिपोर्ट व वर्ष 2014-15 की कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण किया। कार्यशाला का संचालन संयुक्त निदेशक प्रसार डा.एसके सचान ने किया। वहां पर डा.सतेंद्र, डा.पीके सिंह, डा.केजी यादव, डा.एसके लोधी, डा.मुकेश, डा.हरिओम कटियार, नीरज शर्मा, राजीव भारद्वाज व विनय प्रताप सिंह मौजूद रहे।


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