दीवाली पर झुलसने से दर्जनों पहुंचे अस्पतालों में
मेरठ : दीवाली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल से दर्जनों लोगों के मामूली रूप से झुलसने की छिटपुट घटनाएं
मेरठ : दीवाली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल से दर्जनों लोगों के मामूली रूप से झुलसने की छिटपुट घटनाएं हुईं। आतिशबाजी के दौरान घायल हुए मरीजों की संख्या में गत वषरें की तुलना में बेशक कमी आई, किंतु असावधानी की वजह से आंकड़ा दर्जन से ऊपर रहा। कई अस्पतालों के रजिस्टर में ऐसे मरीजों की एंट्री दर्ज नहीं की गई। प्राथमिक उपचार देकर उन्हें भेज दिया गया।
जिला अस्पताल की इमरजेंसी में कोई बर्न केस दर्ज नहीं हुआ, जबकि मामूली रूप से जले हुए कई मरीजों को प्राथमिक उपचार दिया गया। मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में भी आंकड़ा दर्जन के आसपास रहा। हाथ और मुंह के जले हुए मरीजों की तादात सर्वाधिक रही, हालांकि कोई मरीज गंभीर नहीं था, ऐसे में उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुंट्टी दे दी गई। केएमसी हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के निदेशक डा. सुनील गुप्ता ने बताया कि दीवाली की रात परतापुर निवासी केपी तेवतिया भर्ती कराए गए। उनका दायां हाथ आतिशबाजी से झुलस गया था, जिन्हें शुक्रवार को छुट्टी दी गई। उन्होंने माना कि गत पांच वर्षो में मरीजों की संख्या में भारी कमी आई है, जो बेहतर संकेत हैं। जसंवत राय अस्पताल, आनंद अस्पताल एवं अन्य नर्सिग होम में गंभीर रूप से झुलसे मरीजों की संख्या आधा दर्जन से कम दर्ज हुई। बर्न स्पेशलिस्ट डा. प्रवीन जैन ने बताया कि हर वर्ष झुलसने वाले औसतन पांच-छह मरीजों की ओपीडी होती है, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद भेज दिया जाता है। गंभीर कोई नहीं है।