गर्भवती ने सड़क पर दिया नवजात को जन्म
हस्तिनापुर (मेरठ): शायद कुछ इसी तरह सूबे की सरकार आज बेहतर 'कल' बनाने में जुटी है। प्रसव पीड़ा से करा
हस्तिनापुर (मेरठ): शायद कुछ इसी तरह सूबे की सरकार आज बेहतर 'कल' बनाने में जुटी है। प्रसव पीड़ा से कराह रही गर्भवती को डिलीवरी में समय बताकर सीएचसी से टरका दिया गया, क्योंकि चिकित्सक त्योहार की तैयारी में जो मशगूल थे। भगवान का शुक्र रहा कि कुछ महिलाओं ने पीड़ा से कराह रही गर्भवती को चारों ओर से चादर ढककर प्रसव कराया।
क्षेत्र के गांव नंगला चांद निवासी संजय ने बताया कि उसकी पत्नी गीता गर्भवती थी। बुधवार को उसे पीड़ा होने लगी तो परिजन एंबुलेंस से सीएचसी लेकर पहुंचे। सीएचसी पर मौजूद स्टाफ ने कहा कि अभी प्रसव में एक माह बाकी है। गर्भवती की पीड़ा को देखते हुए परिजन उसे निजी चिकित्सक के यहां ले जाने लगे। इस दौरान महिला सड़क पर ही पीड़ा से कराहने लगी। उसे देख वहां से गुजर रही कुछ महिलाओं की सहायता से नवजात को जन्म दिया। इस दौरान वहां से गुजर रहे राहगीरों को घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने सीएचसी की कार्यप्रणाली पर आक्रोश जताया। आननफानन में उसे एंबुलेंस द्वारा फिर सीएचसी ले जाया गया।
चिकित्सकों को नहीं पता कि कब होगा प्रसव
सीएचसी पर तैनात प्रशिक्षित स्टाफ नर्स व चिकित्सकों को प्रशिक्षण लेने के बाद भी यह मालूम नहीं कि गर्भवती को प्रसव होने में कितना समय है। आज सीएचसी से टरकाने के बाद गर्भवती ने मात्र सौ मीटर की दूरी पर ही खुले आसमान के नीचे एक पुत्र को जन्म दे दिया। गनीमत रही कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
वहीं, सीएचसी प्रभारी डा. ओपी जायसवाल का कहना है कि मामले से उच्च अधिकारियों को अवगत कराकर लापरवाही बरतने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।
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फोटो परिचय
मावा 9 : सड़क पर बच्चे को जन्म देने के बाद सीएचसी ले जाती महिलाएं
मावा 10 : सडक पर बच्चे को जन्म देने के समय महिल को चादर से ढकती महिलाएं
मावा 11 : जन्मा नवजात शिशु।