वेस्ट यूपी के किसानों से सरकार का सौतेला व्यवहार
मोदीपुरम (मेरठ) : यूपी सरकार वेस्ट यूपी के किसानों से सौतेला व्यवहार कर रही है। आलू प्रजाति कुफरी
मोदीपुरम (मेरठ) : यूपी सरकार वेस्ट यूपी के किसानों से सौतेला व्यवहार कर रही है। आलू प्रजाति कुफरी बहार 3797 के कुल स्टाक तीन हजार कुतल में से डेढ़ हजार कुंतल फीरोजाबाद भेजने की तैयारी की जा रही है। पांच सौ कुतल 19 व 20 अक्टूबर को भेजा जा चुका है। शासन के आदेश पर वेस्ट यूपी के कई जिलों को इस प्रजाति के आलू के आवंटित कोटे को 50 फीसदी कम कर दिया गया है। इससे किसानों में आक्रोश है।
मोदीपुरम स्थित सरकारी शीतगृह में प्रतिवर्ष करीब 22 हजार कुंतल आलू का बीज रखा जाता है। इसमें सीपीआरआइ का भी आलू शामिल होता है। इस साल शीतगृह में कुफरी बहार 3797 का करीब तीन हजार कुंतल के अलावा चिप्सोना-1, चिप्सोना-3, पुखराज व सूर्या प्रजाति का आलू बीज रखा गया था। उद्यान विभाग के सूत्रों का दावा है कि शासन के आदेश पर 19 व 20 अक्टूबर को 500 कुंतल कुफरी बहार 3797 फिरोजाबाद जिला उद्यान अधिकारी को भेज दिया गया है। बाकी 900 कुंतल आलू कुफरी बहार 3797 इसी जिले में भेजने के शासन के आदेश आ चुके है। लखनऊ में बैठे उद्यान अफसरों ने वेस्ट यूपी के कई जिलों को आवंटित कोटे से 50 फीसदी कम कुफरी बहार 3797 आलू बीज दिया गया। इनमें शामली जिले को इस प्रजाति का कुछ नहीं मिला।
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इन्होंने कहा
उप निदेशक उद्यान घनश्याम यादव कहते हैं कि फीरोजाबाद आलू की फसल के लिए मेरठ से बेहतर है। बाजार में वहां के आलू की मांग पहले, फिर आगरा, मेरठ, कानपुर, कन्नौज व फर्रूखाबाद की बारी आती है। वहां पर किसी विशेष व्यक्ति को नहीं डीएचओ को दिया जा रहा है। उन्होंने केवल एक सौ कुंतल आलू बीज कुफरी बहार 3797 देना बताया, जबकि शीतगृह का रिकार्ड 500 कुंतल भेजना दर्शा रहा है। तर्क देते है कि भेड़ की चाल चल किसान आलू बो रहे है, अगले साल आलू फसल की दुर्गति होगी। कुफरी बहार 3797 प्रजाति बीस साल पुरानी है, इसे कोई मांग नहीं रहा है, केवल फीरोजाबाद से मांग की जा रही है।