सीएमएस ने भी दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई
मेरठ : लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज कैंपस में प्राचार्य से जबरन इस्तीफा लेने का मामला दूसरे दिन धधक उ
मेरठ : लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज कैंपस में प्राचार्य से जबरन इस्तीफा लेने का मामला दूसरे दिन धधक उठा। चिकित्सकों में भारी आक्रोश के बीच प्रमुख चिकित्साधीक्षक ने प्रधानाचार्य के साथ अभद्रता के आरोप में इस्तीफा दे दिया। अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। प्राचार्य ने अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। रात करीब साढ़े सात बजे डॉक्टरों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर स्थित से अवगत कराया। मेडिकल कालेज कैंपस में देर रात तक डाक्टरों की बैठकों का दौर चलता रहा।
सोमवार देर रात प्राचार्य डा. प्रदीप भारती गुप्ता के घर पर दर्जनों लोगों ने पहुंचकर उन्हें धमकाया। जबरन इस्तीफा लिखवाया गया। परिसर में घंटों अराजकता रही, जबकि पास में थाना होने के बावजूद पुलिस नहीं पहुंची। स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डा. अभिलाषा गुप्ता के घर भी तोड़फोड़ एवं गाली-गलौज की गई। देर रात हुई इस घटना के बाद चिकित्सकों ने मंगलवार को पुलिस अधिकारियों से मिलने का निर्णय लिया। इसका असर मंगलवार को स्वास्थ्य सेवाओं पर भी देखा गया। सुबह करीब 9 बजे सीएमएस डा. सुभाष सिंह ने प्राचार्य से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया।
डीएम से मिले चिकित्सक
दोपहर करीब एक बजे प्राचार्य एवं चिकित्सकों ने बैठक की। हालांकि इस दौरान चिकित्सकों की गुटबंदी खुलकर सामने आ गई। मीटिंग की सूचना कई वरिष्ठ चिकित्सकों को नहीं दी गई। चिकित्सकों ने सामूहिक इस्तीफा देने पर भी विचार किया। साथ ही पुलिस अधिकारियों एवं जिलाधिकारी से मिलने का निर्णय लिया गया। रात करीब साढ़े सात बजे टीचर्स एसोसिएशन और रेजीडेंट डाक्टर एसोसिएशन के कई सदस्यों ने कैंप कार्यालय पहुंचकर डीएम से मुलाकात की। डा. एसपी गर्ग, डा. अमित उपाध्याय , डा. निखिल एवं डा. अरुण समेत कई चिकित्सक शामिल थे। डीएम ने जांच टीम गठित करने का आश्वासन दिया है।
चिकित्सा भटकी
मंगलवार को चिकित्सकों ने चिकित्सा का बहिष्कार करने का मन बनाया, किंतु बाद में उन्होंने निर्णय बदल लिया। ओपीडी सेवाएं खुली रही, पर ज्यादातर में डाक्टर समय से नहीं पहुंचे। प्राचार्य के साथ हुए घटनाक्रम पर आक्रोश जताते हुए उन्होंने चिकित्सा कार्य से दूरी बनाई। परिसर में बड़ी संख्या में मरीज दिनभर भटकते रहे। आपरेशन कार्य तकरीबन पूरी तरह ठप हुआ।
आइएमए भी प्राचार्य के समर्थन में उतरा
आइएमए ने शाम को बैठक कर प्राचार्य डा. प्रदीप भारती के साथ हुए घटनाक्रम के लिए कर्मचारी यूनियन एवं कैंपस स्थित पुलिस थाने को जिम्मेदार ठहराया। डा. सुनील गुप्ता के नेतृत्व में डाक्टरों ने शाम करीब छह बजे एसएसपी ओंकार सिंह से मुलाकात कर मेडिकल में कानून व्यवस्था बहाल करने की अपील की। आइएमए ने कहा कि मेडिकल कालेज कर्मचारी यूनियन ने देर रात तीमारदारों के नाम पर प्राचार्य से अभद्रता की। एसएसपी को बताया कि कर्मचारी नेताओं ने 15 वर्षो से परिसर में आतंक का माहौल बना रखा है। डा. मेधावी तोमर, डा. जेवीएस चिकारा, डा. तनुराज सिरोही, डा. नवनीत अग्रवाल एवं डा. एचएम शर्मा समेत कई अन्य भी शामिल थे।
इनका कहना है
हम लोग गाली खाने एवं दुर्व्यवहार सहने के लिए मेडिकल कालेज में नहीं बैठे हैं। मैंने सीएमएस पद से इस्तीफा दे दिया है। विभागाध्यक्ष बना रहूंगा, किंतु अगर छेड़ा गया तो फिर कैंपस छोड़ना भी कबूल होगा।
-डा. सुभाष, सीएमएस