'घर-घेर नहीं, नौकरी-पेशा हो पिया'
मेरठ : एक समय था जब घर और घेर वाले शादी योग्य युवकों को पसंद किया जाता था, लेकिन अब युवतियों की निगा
मेरठ : एक समय था जब घर और घेर वाले शादी योग्य युवकों को पसंद किया जाता था, लेकिन अब युवतियों की निगाहें नौकरी-पेशा जीवनसाथी को तलाश रही हैं। सरकारी या बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत युवकों को युवतियां विवाह के लिए तरजीह दे रही हैं।
रविवार को अजंता कालोनी स्थित जाट भवन में आयोजित आठवें युवक-युवती परिचय सम्मेलन में कमोबेश कुछ ऐसा ही दिखा। सम्मेलन का शुभारंभ हवन के साथ हुआ। प्रमुख संयोजक दिगम्बर सिंह ने बताया कि 520 पंजीकरण हुए, जिसमें 220 युवक और 320 युवतिया शामिल हैं। मेरठ के आलावा आसपास के जनपदों से भी लोग आए।
डिग्रीधारी युवतियों को देखने पहुंचे कम शिक्षित युवक
सम्मेलन में युवक-युवतियों के बायोडाटा लगाए गए। इस दौरान युवतियां अपने अभिभावकों सहित सुयोग्य वर का बायोडाटा ढूंढती रहीं। खास बात यह रही कि ज्यादातर युवतियां एमटेक, एमबीए, पीएचडी, एमबीबीएस, एमसीए, एमएससी, बीटेक व बीसीए आदि डिग्रीधारी थीं। युवक कम पढ़े-लिखे थे, जो कि दसवीं, बारहवीं के साथ स्नातक ही थे। कई ऐसे भी थे, जिन्होंने जमीन-जायदाद का तो ब्योरा लिखा था, लेकिन शैक्षिक योग्यता का कॉलम खाली छोड़ दिया।
किया गया सम्मानित
मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त अपर आयुक्त जाट रत्न डीएस वर्मा थे। अभिभावकों व विशिष्ट अतिथियों को पूर्व संयुक्त कृषि निदेशक प्रमुख संयोजक दिगम्बर सिंह ने स्मृति चिह्न भेंटकर व शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि ने इस प्रकार के आयोजन को दहेज मुक्त रखने पर बल दिया।
दिग्गजों ने की शिरकत
विशिष्ट अतिथि रिटायर जज उच्च न्यायालय वीपी सिंह, रिटायर मेजर जनरल एसएस अहलावत, डा. केएस सोलंकी, वीएस पंवार, वीरेंद्र सिंह, रिटा. ब्रिगेडियर रनवीर सिंह, जिला जाट सभा अध्यक्ष ब्रजपाल पैसल, विधायक नरेंद्र सिंह, पूर्व एमएलसी जगत सिंह, सपा जिलाध्यक्ष चौ. जयवीर सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष मनिन्दर पाल सिंह व रालोद जिलाध्यक्ष यशवीर सिंह आदि ने भी परिचय सम्मेलन में शिरकत की। संचालन वीरेंद्र आर्य ने किया। कल्याण सिंह, डा. एचएस राठी, तिलक राम वर्मा, वीर सेन तोमर, गजेंद्र सिंह पायल, डा. नरेंद्र सिंह तोमर, जसवन्त सिंह, चन्द्र वीर सिंह व वीरपाल सिंह तेवतिया आदि का सहयोग रहा।