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'अधिग्रहण करें या एयरपोर्ट जोन से करें बाहर'

मेरठ : परतापुर स्थित डा. भीमराव अंबेडकर हवाई पट्टी को विकसित कर हवाई अड्डा तैयार किए जाने की खातिर आ

By Edited By: Published: Thu, 02 Oct 2014 01:52 AM (IST)Updated: Thu, 02 Oct 2014 01:52 AM (IST)
'अधिग्रहण करें या एयरपोर्ट जोन से करें बाहर'

मेरठ : परतापुर स्थित डा. भीमराव अंबेडकर हवाई पट्टी को विकसित कर हवाई अड्डा तैयार किए जाने की खातिर आसपास की जो जमीन का अधिग्रहण किया जाना था, उस पर शासन की सख्ती के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्यवाही जिला प्रशासन की ओर से नहीं हुई है। लगातार हो रही देरी से किसान भी आक्रोश में आने लगे हैं। उनका कहना है कि या तो जिला प्रशासन उनकी भूमि का अधिग्रहण अंतिम वार्ता के तहत रखी गई शर्तो पर करे या फिर एयरपोर्ट जोन से उनकी जमीन को बाहर रखे।

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हवाई अड्डे की खातिर जिला प्रशासन को किसानों की 316 एकड़ भूमि अधिगृहीत की जानी है। इसकी खातिर शासन भी कई बार जिला प्रशासन को काम में तेजी लाने को कह चुका है, लेकिन अभी वार्ता भी निर्णायक नहीं हुई है। किसानों ने गत माह हुई बैठक में स्थिति स्पष्ट कर दी थी कि वे सात हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर से कम में जमीन नहीं देंगे। भू-स्वामी नीरज गुप्ता का कहना है कि उस बैठक के बाद से अब तक कोई प्रगति नहीं है। नीरज और उनके साथी अन्य किसानों का तर्क है कि जहां उनकी जमीन है, उससे कुछ ही दूरी पर एमडीए विकसित कर 17 हजार का रेट वसूल रहा है जबकि प्राइवेट बिल्डर भी गगोल में ही आठ से नौ हजार रुपये तक का रेट ले रहे हैं। अगर सरकार हवाई अड्डे की खातिर भूमि का अधिग्रहण करना चाहती है तो करे। अन्यथा उनकी जमीन को एयरपोर्ट जोन से बाहर कर डी-नोटिफाइ करें ताकि वे अपनी जमीन ठीक-ठाक कीमत पर बेच सकें। किसानों के साथ अंतिम दौर की वार्ता पूरी कर जिला स्तर पर गठित की गई कमेटी को अपनी आख्या शासन को भेजनी है। इसी रिपोर्ट पर शासन तय करेगा कि किस रेट तक जमीन ली जानी है।

चार सदस्यीय कमेटी को सौंपा था जिम्मा

एयरपोर्ट की खातिर भूमि अधिग्रहण के लिए शुरुआत में चार लोगों की कमेटी बनाई गई। कमेटी में विवेक भाष्कर, एडीएम वित्त, एसडीएम सदर और रजिस्ट्रार को रखा गया। बाद में मंडलायुक्त ने अगस्त में बैठक के दौरान अपर नगर आयुक्त को इसका नोडल अधिकारी तय कर दिया।

इनका कहना है

भूमि अधिग्रहण के बाबत रेट तय करने के लिए चार लोगों की कमेटी है। कमेटी अपनी आख्या डीएम को देगी उसके बाद ही अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हो सकेगी। इसकी खातिर कमेटी को हमने कई बार पत्र भी लिखा है।

-डीपी श्रीवास्तव, एडीएम, एलए

इनसेट

ये है किसानों की भूमि का लेखा-जोखा

किसानों से ली जाने वाली भूमि: 316 एकड़

-अधिगृहीत होने वाली भूमि: 12 लाख 78 हजार 804 वर्ग मीटर

-किसानों की मांग: 7000 रुपए प्रति वर्ग मीटर

किसानों के रेट के अनुसार अधिग्रहण की लागत: 895 करोड़ 16 लाख 28 हजार रुपए

हवाई अड्डे की भूमि की क्या है मौजूदा स्थिति

एयरपोर्ट के लिए आवश्यक भूमि: 503 एकड़

हवाई पट्टी का हुआ हस्तांतरण: 47 एकड़

राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहीत भूमि: 86 एकड़

(इसमें 30 एकड़ वन विभाग की है और 10 एकड़ भूमि विवाद में फंसी है)

राज्य सरकार को और करना है अधिग्रहण: 370 एकड़


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