मां ने मासूम को बस के आगे फेंका
मेरठ : शराब के चलते बर्बादी और कलह के अंजाम की बानगी बुधवार को सरेआम देखने को मिली। मेरठ के कंकरखेड़ा
मेरठ : शराब के चलते बर्बादी और कलह के अंजाम की बानगी बुधवार को सरेआम देखने को मिली। मेरठ के कंकरखेड़ा क्षेत्र में एक युवक की शराब की लत ने पूरे घर को कलह की आग में झोंक दिया। मामला महिला थाने तक पहुंचा। थाने में बच्चों के बंटवारे को लेकर महिला इतने आवेश में आ गई कि वह थाने से बाहर निकली और अपने तीन माह के जिगर के टुकड़े को बस के आगे फेंक दिया। गनीमत यह रही कि बच्चे के नाना ने सैकेंडों के फेर में उसे सड़क से उठा लिया। बाद में पति और पत्नी हिस्से में आए बच्चों को लेकर अपनी-अपनी राह हो लिए और खिलखिलाता आशियाना बिखर गया।
हापुड़ के पिलखुवा के खेड़ा निवासी दीवान सिंह ने अपनी बेटी बबीता की शादी मोदीनगर निवासी कुलदीप से की थी। बबीता ने तीन बच्चों सन्नी (5 वर्ष), दिया (3 वर्ष) और आयुष (3 माह) को जन्म दिया। हाल में यह परिवार कंकरखेड़ा थाने के साक्यपुरी में रहता है। बबीता का आरोप है कि कुलदीप शराब के नशे में रोजाना मारपीट करता है। परेशान होकर बबीता ने मामले की तहरीर महिला थाने में दे दी। बुधवार को दंपती को एसओ महिला थाना ने समझौते के लिए बुला लिया। थाने में एसओ की मौजूदगी में पंचायत लगी। काफी प्रयास के बावजूद दोनों के बीच बात नहीं बनी तो बच्चों का बंटवारा होने लगा। सन्नी और दिया पिता के हिस्से में आ गए तो तीन माह के आयुष को मां को सौंप दिया गया। महिला अपने तीनों बच्चों के साथ रहने की जिद पर अड़ी हुई थी। पुलिस ने महिला की बात अनसुनी की तो उसने महिला थाने के बाहर आकर तीन माह के बच्चे को चलती बस के सामने फेंक दिया। ऐनवक्त पर बस चालक ने ब्रेक लगाए तो बबीता के पिता दीवान सिंह ने भागकर बच्चे को उठा लिया। कुछ सैकेंड के फेर में सबकुछ हो गया। यदि बच्चे को नहीं उठाया जाता तो बड़ी अनहोनी हो जाती। बाद में महिला को समझाकर बच्चे के साथ उसके मायके वाले अपने साथ ले गए।
इन्होंने कहा..
दंपती का मामूली विवाद था, जिसे आपस में बैठकर समझाया जा सकता था। दोनों ही पक्ष के लोग बच्चों का बंटवारा करने लगे। इसके बाद महिला को गुस्सा आ गया था। ऐसा क्यों हुआ। इसके लिए सीओ स्वर्णजीत कौर से जांच कराई जा रही है।
- ओंकार सिंह, एसएसपी।