राज्यसभा जाने पर अड़े शाहिद को दिखाया गया बाहर का रास्ता
मेरठ : नाटकीय घटनाक्रम में पूर्व सांसद हाजी शाहिद अखलाक और परिजनों को हाथी की सवारी से उतार दिया गया
मेरठ : नाटकीय घटनाक्रम में पूर्व सांसद हाजी शाहिद अखलाक और परिजनों को हाथी की सवारी से उतार दिया गया है। बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पूर्व सांसद पर पार्टी विरोधी गतिविधियों और राज्यसभा सांसद बनाने की जिद पर अड़े रहने का आरोप लगाया है।
सांसद हाजी शाहिद अखलाक ने गत लोकसभा चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा था। लंबे समय से सांसद पद से दूर रहे शाहिद अखलाक राज्यसभा के कोटे से एमपी बनने की मांग कर रहे थे। अचानक पार्टी से निकाले जाने पर राजनीतिक गलियारों में अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दकी ने कहा है कुछ दिन पूर्व बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात में शाहिद ने कहा था कि मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट से एक भाई को चुनाव लड़ा दें, उन्होंने अपनी पत्नी को आगामी लोकसभा चुनाव लड़ाने और स्वयं को राज्यसभा सांसद बनाने की मांग की थी। जिस पर पार्टी हाईकमान ने शाहिद अखलाक को समझाया था कि राज्यसभा एमपी और एमएलसी पार्टी के उन टाप वर्करों को बनाया जाता है जो लोकसभा और विधानसभा चुनाव नहीं लड़ते हैं। इसमें उन लोगों को प्राथमिकता दी जाती है जो पार्टी के आंदोलन को हाईकमान के निर्देश पर आगे बढ़ाते हैं। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा है कि आलाकमान के समझाने के बाद भी जिद पर अड़े रहने के चलते शाहिद अखलाक कुरैशी, हाजी राशिद अखलाक कुरैशी और हाजी साजिद अखलाक कुरैशी को पार्टी से निकाल दिया गया है।
बहन जी तक पहुंचे सपा नेताओं के साथ खिंचे फोटो
लंबे समय से बसपा के सिपहसालार रहे शाहिद अखलाक से इस तरह किनारा करना राजनीतिक विश्लेषकों को गले नहीं उतर रहा है। सूत्रों के अनुसार सोशल मीडिया और व्हाटसएप पर छाए सपा के दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री आशू मलिक व मुख्यमंत्री अखिलेश के साथ शाहिद अखलाक की नजदीकी दर्शाते हुए फोटो छाए हुए हैं। यह चर्चित फोटो बसपा सुप्रीमो बहन मायावती तक भी पहुंचे। पार्टी विरोधी गतिविधियों पर भड़की मायावती ने तुरंत शाहिद अखलाक और दोनों भाइयों के निष्कासन का फरमान जारी कर दिया।
मैनेजमेंट में माहिर है आशु मलिक
राजनीतिक सूत्रों की मानें तो पिछले कुछ दिनों में यह चर्चाएं तेज हुई हैं कि शाहिद अखलाक समाजवादी पार्टी का दामन थाम सकते हैं। चर्चा तो यहां तक है कि नेता जी मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात भी हो चुकी है। कहा जा रहा है कि इस मामले में आशू मलिक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आशू मलिक ने ही मुजफ्फरनगर दंगे के समय भी पार्टी के लिए डैमेज कंट्रोल का काफी काम किया था।
सपा से हैं पुराने रिश्ते
शाहिद अखलाक के पिता हाजी अखलाक 1993 में जनतादल के टिकट पर चुनाव जीते थे। बाद में वह समाजवादी पार्टी के साथ हो लिए थे। बाद में बसपा के टिकट पर मेयर और सांसद बने। 2006 में सपा मुखिया ने एक बड़े आयोजन में शाहिद अखलाक को सपा में शामिल किया था। 2009 में टिकट नहीं मिलने पर वह फिर पार्टी से अलग हो गए।
शाहिद का कहना
पूर्व सांसद शाहिद अखलाक ने कहा है कि पार्टी से निष्कासन का कोई पत्र मुझे नहीं मिला है। जहां तक आशू मलिक के साथ फोटो का सवाल है फेसबुक पर ऐसा कोई भी कर सकता है। सपा में जाने की बात पर पूर्व सांसद ने कमेंट करने से इन्कार कर दिया।