झिझक के बाद नियमों का अंगीकार
मेरठ : मेट्रो सिटी की रफ्तार को पंख लगाने के लिए रविवार को लोगों का मूड बदला नजर आया। बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट और बिना डीएल, आरसी रखे वाहन चलाना आदत में आमतौर पर शुमार हो चुका है, उसमें रविवार को थोड़ी तब्दीली दिखी। सड़कों पर निकले अनेक लोग हेलमेट पहनकर व सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाते दिखे। झिझक को दूर करते हुए लोगों ने नियमों के अंगीकार का मन बनाया।
मेरठ को मेट्रो सिटी घोषित हुए अरसा हो गया। इस बीच योजनाओं के साथ ही शहर में विकास तो हुआ, लेकिन बढ़ती भीड़ से सड़कें दबती गई और यातायात व्यवस्था ध्वस्त होने लगी। बहानेबाजी का चोला ओढ़कर यातायात नियमों को हवा में उड़ाने वालों की हठधर्मिता ने इसे और गहरा दिया। बेपटरी यातायात को सुव्यवस्थित करने और यातायात नियमों से आम जन को जागरूक करने की मंशा से दैनिक जागरण का अभियान रविवार को एक कदम और बढ़ा।
अभियान की शुरुआत के बाद दूसरे दिन असर दिखा। फर्राटा भरती स्कूटियों पर कई युवतियां भी हेलमेट लगाए हुए नजर आई, जबकि भारी भरकम बाइक दौड़ाने वाले युवा भी जागरूक हुए। वे भी हेलमेट पहनकर निकले। इसके अलावा दिल्ली रोड पर अभियान के दौरान कई कार चालक सीट बेल्ट लगाए हुए दिखे। यातायात नियमों को बहानेबाजी के जरिए हवा में उड़ाने वालों ने आदत में तो सुधार नहीं किया, जिसके चलते उन्हें परेशानी हुई। ऊंचे रसूख और रौब गांठने वाले अनेक लोग बाद में मनुहार करते दिखे।