टेंपो से चौराहा रहता है हर वक्त जाम
मेरठ : महानगर के जाम से जूझते चौराहों में बेगमपुल से सटा जीरो माइल स्टोन चौराहा भी है। तमाम ठेले-ठेलियां और टेंपो ही यहां जाम की वजह बनते हैं। सिटी व रोडवेज बसें भी बेतरतीब खड़ी होने से जाम और गंभीर रूप ले लेता है। ट्रैफिक पुलिस के कई कर्मचारियों की ड्यूटी भी जाम से मुक्ति नहीं दिला पा रही। कई बार यहां ठेले, टेंपो हटाने के लिए अभियान चला पर फायदा नहीं हुआ। नगर निगम, कैंट बोर्ड और एमडीए में से कोई भी चौराहा जाम मुक्त करने के लिए गंभीर नहीं है।
सुबह से ही लगने लगता है जाम
जीरो माइल स्टोन चौराहे से ही देहरादून, बिजनौर, कोटद्वार की ओर ट्रैफिक निकलता है। यहां आसपास बड़ी संख्या में स्कूल हैं, जिनके तमाम वाहन यहीं से गुजरते हैं। ऐसी स्थिति में चौराहे पर सुबह से ही जाम लगना शुरू हो जाता है और फिर पूरे दिन यही स्थिति रहती है।
क्रांतिकारी चौराहा भी बदहाल
जीरो माइल स्टोन एक क्रांतिकारी चौराहा माना जाता है। यहां से देहरादून, हरिद्वार, दिल्ली, रुड़की और बिजनौर की दूरी तय होती है। इसीलिए नाम जीरो माइल स्टोन चौराहा है। इतना सब कुछ जुड़ा होने के बावजूद प्रशासन का चौराहे की बदहाली दूर करने का कोई भी इरादा नजर नहीं आता।
आराम फरमाती है ट्रैफिक पुलिस
यूं तो चौराहे पर एक दर्जन से ज्यादा ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी रहती है। पर कोई यातायात दुरुस्त कराता नहीं दिखता। यातायात पुलिस आराम फरमाती दिखती है या फिर वसूली में व्यस्त। अगर यहां यातायात पुलिस मुस्तैदी दिखाए तो न सड़क पर टेंपो की बाढ़ दिखे और न ही ठेले-ठेलियां। आरोप है कि पुलिस ही इन सभी से अवैध वसूली करती है। इसीलिए सड़कों पर वाहन काबिज रहते हैं और चौराहे की सुंदरता खराब कर रहे हैं।
ये कहते हैं..
चौराहा जाम मुक्त करने के कड़े निर्देश ट्रैफिक पुलिस को दिए गए हैं। अगर आगे से यहां टेंपो और ठेले-ठेलियां दिखे तो पुलिस वालों को जिम्मेदार मानते हुए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- ओंकार सिंह, एसएसपी, मेरठ।