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फिर से सावन को आंख तरसी है..

By Edited By: Published: Mon, 15 Sep 2014 01:45 AM (IST)Updated: Mon, 15 Sep 2014 01:45 AM (IST)
फिर से सावन को आंख तरसी है..

मेरठ : दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कवि संगम की मेरठ शाखा का शुभारंभ रविवार को मेरठ में हुआ। इस अवसर पर 'हिंदी दिवस' को ध्यान में रखते हुए मेरठ शाखा की ओर से साकेत स्थित अमेरिकन किड्स स्कूल में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल ने की। मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय कवि डा. हरिओम पंवार उपस्थित रहे। उन्होंने इस अवसर पर 'मैं भारत का संविधान हूं, लाल किले से बोल रहा हूं' सहित तमाम कविताएं सुनाईं। मेरठ शाखा में मनोनित अध्यक्ष युवा कवि वैभव अग्रवाल ने अपनी प्रस्तुति में सावन में आग बरसाया। कविता की पंक्ति 'फिर से सावन को आंख तरसी है, मेरे आंगन में आग बरसी है, आज ही तो जुदा हुए थे हम, उस मोहब्बत की आग बरसी है।' में उन्होंने सावन में प्यासे की स्थिति का बयां किया। इस अवसर पर उपस्थित सौरभ सुमन, कुमार पंकज, प्रशांत अग्रवाल, सचिन सारस्वत व डा. प्रतीक गुप्ता आदि कवियों ने अपनी प्रस्तुतियों ने माहौल को कवितामय बना दिया।


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