नेत्र चिकित्सा में नई उम्मीदों की दिखाई रोशनी
मेरठ : दृष्टि फाउंडेशन ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर चिकित्सा की तमाम हाइटेक सुविधाओं की जानकारी दी। डा. गौरव मिश्रा, डा. सबरीना बंसल और डा. सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि पुतली के प्रत्यारोपण से अब विभिन्न बीमारियों का इलाज संभव है। डाक्टरों ने बताया कि अब मोटे चश्मे से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है। आंखों के भीतर एक सूक्ष्म लेंस कुदरती लेंस के ऊपर लगा दिया जाता है, जिससे बिना चश्मे के भी उतना ही साफ दिखाई पड़ता है। बच्चा पार्क स्थित दृष्टि फाउंडेशन में प्रेसवार्ता में बताया कि अगर मरीज ग्लूकोमा डाइबिटिक रेटिनोपैथी एवं आइरीहरिन रोगों से मुक्त होने पर आइडियल आसीएल का पात्र हो सकता है। डा. प्रियांक गर्ग ने बताया कि जिन मरीजों का पर्दा उतरने या पर्दे के आगे खून आने पर रोशनी चली जाती है, उनका अब बिना टांका आपरेशन किया जा सकेगा। मधुमेह से पीड़ित लोगों के पर्दे में खून एवं सूजन से अचानक रोशनी कम हो जाती है, जिसका अब इलाज सुलभ होगा। डा. सिद्धार्थ ने बताया कि देश में करीब दो करोड़ लोग दृष्टिहीन हैं, जिनमें से 40 लाख लोगों में नेत्र रोपण कर दृष्टि वापस की जा सकती है। दृष्टि आई फाउंडेशन नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए मुफ्त परामर्श देगा। नेत्रदान पखवाड़ा 10 सितंबर तक चलेगा।