बरामद नक्शों की पड़ताल करेगा रक्षा मंत्रालय
मेरठ : आइएसआइ एजेंट आसिफ अली की गिरफ्तारी के बाद सेना की गोपनीय सूचनाओं को लेकर खलबली मची हुई है। पाक जासूस से बरामद किए गए नक्शों की जांच रक्षा मंत्रालय करेगा। सेना के अफसरों से भी नक्शों के संबंध में पूछताछ होगी क्योंकि आसिफ उन नक्शों को पाकिस्तान भेज चुका है। इस, बाबत अदालत से अनुमति लेने पर विचार किया जा रहा है।
देहलीगेट के पूर्वा फैय्याज अली निवासी आसिफ अली को एसटीएफ और सेना की इंटेलीजेंस के संयुक्त आपरेशन में गिरफ्तार किया गया। 2007 में आसिफ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ से जुड़ गया था। आइएसआइ को भारतीय सेना की गोपनीय जानकारी देने के साथ ही सेना के अफसरों के एकाउंट में रकम डालने का काम करता था। आसिफ के जेल जाने के बाद भी पुलिस और एसटीएफ संयुक्त रूप से 'ऑपरेशन सर्च' चलाकर आसिफ के खिलाफ सबूत एकत्र कर रही है। पता लगाया जा रहा है कि आसिफ से और किस का संपर्क है? सबसे पहले तो आसिफ से बरामद किए सेना के नक्शों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। एसटीएफ मानकर चल रही है, जो नक्शे आसिफ के पास से बरामद किए है। उनकी फोटो प्रति आइएसआइ को भेजी जा चुकी है। एसटीएफ नक्शों के बारे में सेना के अफसरों से भी पूछताछ करेगी कि उनकी सेना के लिए कितनी महत्ता है। साथ ही अदालत से अनुमति लेने के बाद नक्शों को रक्षा मंत्रालय को भेजने की तैयारी की जा रही है। पता लगाया जाएगा कि नक्शा कितना महत्वपूर्ण है, और यह किस स्तर के अफसर की गलती से आसिफ तक पहुंचा है।