मॉडल स्कूलों की गुणवत्ता पर शासन की फटकार
मेरठ : राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत जिले के पिछड़े इलाकों में बनाए जा रहे मॉडल स्कूलों के भवन निर्माण पर शासन ने सख्त रवैया बरता है। निर्माण संबंधी शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव स्तर से सभी जिलों को मॉडल स्कूल भवन निर्माण में लापरवाही न बरतते हुए मानकों के अनुरूप ही काम समाप्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश में वर्ष 2010-11 में स्वीकृत 148 मॉडल स्कूलों में से तीन जिले में बन रहे हैं। शिक्षा के लिहाज से जिले के तीन इलाकों, सरूरपुर के कालंद, परीक्षितगढ़ के बली और खरखौदा को अति पिछड़ा इलाका चिह्नित किए जाने के बाद इन इलाकों में केंद्रीय विद्यालय के तर्ज पर मॉडल स्कूल बनाए जा रहे हैं। अब शासन ने जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनी जिला शिक्षा परियोजना समिति को निर्धारित मानक व डिजाइन के अनुसार निर्माण कार्य कराने का निर्देश दिया है।
302 लाख रुपये है लागत
तीन करोड़ दो लाख रुपये की लागत से बन रहे इन स्कूलों के मानचित्र में भूतल तल में 1382 वर्ग मीटर और प्रथम तल में 1380 वर्ग मीटर जगह है। शासन ने दोनों तलों के कमरों सहित पूरी डिटेल जानकारी भेजी है। नक्शे में दिए गए मानक व साइज के अनुसार भूतल व प्रथम तल पर निर्धारित पोर्च, बरामदा, एंट्रेंस लॉबी, इनर व आउटर कोरीडोर, टॉयलेट, लॉबी, रैंप, स्टेयर केश, कोर्ट यार्ड व प्रोजेक्शन आदि बनाने हैं।