सनाउल्ला बीमार, नवाब तीमारदार
मेरठ : राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आए सामूहिक दुष्कर्म कांड में पुलिस की विवेचना से साफ है कि उसने आरोपियों को क्लीन चिट देने की तैयारी कर ली है। पुलिस विवेचना कह रही है कि पीड़िता ने एफआइआर में 23 जुलाई और अदालत में 29 जून को अपहरण की बात कही है। 29 को ही बीमार सनाउल्ला दिल्ली में था। सनाउल्ला की बात को विवेचना में सही मान लिया गया है और पीड़िता के बयान को अलग-अलग बताया जा रहा है। गुमशुदगी, एफआइआर और अदालत के बयानों के आधार पर विवेचना को उस सांचे में ढाल दिया गया है कि अदालत से आरोपियों को बड़ी आसानी से राहत मिल जाए।
खरखौदा के सामूहिक दुष्कर्म एवं जबरन धर्मातरण मामले को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर तहलका मचने के बाद भी मेरठ पुलिस अपनी गति से पूरे मामले को झूठा ठहरा चुकी है। अदालत में इस कहानी को सही ठहराने के लिए सारे पुलिसिया जुगाड़ इस्तेमाल किया जा रहे हैं। सच्चाई क्या है,इस बारे में पीड़िता के किसी आरोप को पुलिस ने काबिले गौर नहीं समझा है और विवेचना में उसका पूरा जोर पीड़िता को झूठा ठहराने में हैं।
पुलिस का कहना है कि 29 जुलाई को पीड़िता के पिता ने थाने में गुमशुदगी दर्ज कर अपहरण का आरोप लगाया। तीन अगस्त को पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि, 23 जून को का अपहरण के बाद सामूहिक दुष्कर्म और धर्मातरण हुआ। वहीं, पीड़िता ने अदालत में दिए 164 के बयान में बताया कि, 29 जून को उसका अपहरण करने के बाद सामूहिक दुष्कर्म हुआ। पुलिस ने तीनों तिथियों को विवेचना में शामिल कर लिया है। पुलिस का तर्क है कि गुमशुदगी, एफआइआर और अदालत में दिए गए बयानों में पीड़िता का आरोप अलग अलग हैं। वहीं सनाउल्ला की डाक्टरी रिपोर्ट लगाकर साबित कर दिया कि, 29 जून को सनाउल्ला दिल्ली में था। नवाब और सनाउल्ला के भाई उसे भर्ती कराने गए थे यानी वे दोनों भी 29 को दिल्ली में थे। पुलिस अदालत में यही कहानी पेश करेगी कि लड़की बार लड़की अलग-अलग बयान दे रही है और सनाउल्ला बीमार था और नवाब उसका तीमारदार था। इस कहानी के जरिये आरोपियों को बचाने के साथ ही शानू और नवीन को सियासी दबाव में गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।
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सामान्य हुए हालात, अर्द्धसैनिक बल हटाया
खरखौदा : सामूहिक दुष्कर्म व धर्म परिवर्तन प्रकरण के बाद तनाव से घिरे खरखौदा कस्बे में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। सोमवार को पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को वहां से हटा लिया गया। पीएसी भी एक दो दिन में हटा ली जाएगी। खरखौदा कांड के चर्चित होने के साथ कस्बे में धर्मस्थलों के साथ घरों पर भी पथराव व आगजनी भी हुई थी। इसके बाद ही वहां भारी फोर्स तैनात किया गया था। एसओ मनोज कुमार ने बताया कि धीरे-धीरे हालात काबू में आ गये हैं और पीएसी को भी एक दो दिन में हटा लिया जाएगा।