'अवैध वसूली कराने को बना रखे हैं सफाई नायक'
मेरठ : राष्ट्रीय सफाई मजदूर यूनियन के बैनर तले सोमवार को सफाई कर्मचारियों ने नगर निगम में धरना देकर अनुसूचित जाति जनजाति आयोग की सदस्या किरन जाटव को ज्ञापन सौंपा। किरन जाटव ने नगर आयुक्त को धरनास्थल पर ही बुलाकर समस्याओं पर जवाब तलब किया।
सफाईकर्मियों ने कहा कि सैकड़ों सफाई नायक व सहायक सफाई नायकों की तैनाती नियम विरुद्ध की गई है, ये सफाई न करके अन्य सफाई कर्मियों का उत्पीड़न कर रहे हैं, उनसे अवैध वसूली कर रहे हैं। उनकी उपस्थिति को अनुपस्थिति में बदल देते हैं। इनके पद तत्काल समाप्त किए जाएं। किरन जाटव ने नगर आयुक्त से पूछा कि शासन के आदेश के बावजूद संविदा सफाई कर्मियों को 7500 रुपये महीना का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है? सफाई कर्मियों की फर्जी संख्या दिखाकर उनका भुगतान भी आपस में बांटा जा रहा है। महिला कर्मचारियों ने इस दौरान आरोप लगाए कि 20 साल से काम करने के बाद भी उन्हें एवजीदार ही बनाकर रखा गया है, मृतक आश्रित महिला की नियुक्ति नहीं की गई। इस दौरान यूनियन पदाधिकारियों ने 20 वर्षो से काम कर रहे सफाई कर्मियों को नियमित करने, पांच हजार सफाई कर्मियों की नियुक्ति करने, रिटायर कर्मचारी के परिवार के सदस्य को नौकरी देने, सफाई कर्मचारी की मृत्यु पर उसके परिवार को दस हजार रुपये अंतिम संस्कार के लिए उपलब्ध कराने की मांग की।
नगर आयुक्त अब्दुल समद ने बताया कि वेतन के शासनादेश में कुछ विसंगति है जिसके लिए शासन को पत्र भेजा गया है। उनके कार्यकाल में कोई सहायक सफाई नायक नियुक्त नहीं हुई। इनकी सूची नहीं मिल रही थी, वह आज मिली है, अब इनपर कार्रवाई होगी। अन्य समस्याओं पर भी उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया। इससे पूर्व अध्यक्ष सुभाष पार्चा, महामंत्री सुनील टांक व संरक्षक रमेश चिंडालिया ने किरन जाटव को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सैकड़ों महिला पुरूष सफाई कर्मचारी मौजूद रहे। धरने के दौरान सफाई कर्मचारियों ने 7500 रुपये वेतन न मिलने पर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।