आवासीय क्षेत्रों में स्कूल पर फैसला कल
मेरठ : आवासी इलाकों में स्कूल खोलकर व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन के विरोध में दायर याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने फिलहाल फैसला सुरक्षित कर लिया है। शुक्रवार को निर्णय सुनाया जाएगा। मेरठ विकास प्राधिकरण के अधीन आने वाले मिशन कंपाउंड, बेगम ब्रिज और देवनगर इलाके में दर्जनों छोटे-बड़े स्कूलों के संचालन को लेकर मनोज चौधरी और लोकेश खुराना ने जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति डीवाइ चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता ने मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।
आवासीय क्षेत्र में स्कूलों के संचालन से आम जनता के आवासीय सुविधाओं में खलल और परेशानी का हवाला देते हुए याचिका दायर की गई थी। इससे पहले इन्होंने मेरठ विकास प्राधिकरण से भी पत्राचार जारी रखा था। आरटीआइ कार्यकर्ता लोकेश खुराना का दावा है कि शिकायतों के आधार पर एमडीए ने आवास विकास अधिनियम 1973 की धारा 26ए के तहत नोटिस जारी किया था। इसके तहत सील करने और ध्वस्तीकरण का भी अधिकार है। इनका कहना है कि जब नोटिस जारी किया गया तो फिर आगे की कार्रवाई क्यों नहीं की गई। बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट में एमडीए के वकील नहीं थे, जिस वजह से फैसला शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। अब ऐसे में देखना है कि आवासीय क्षेत्रों में संचालित स्कूलों पर अंतिम राय क्या आती है, क्या ये बंद होते हैं या फिर इनका संचालन जारी रहता है।