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मेरठ में गौसेवा के लिए जुटे 11 हजार लोग, बनाया विश्व रिकार्ड

आसपास से जुटाई गई 100 गायों को 11 हजार से ज्यादा स्कूली छात्रों ने चारा खिलाकर नया विश्व रिकार्ड बना दिया।

By amal chowdhuryEdited By: Published: Sun, 23 Apr 2017 10:43 AM (IST)Updated: Sun, 23 Apr 2017 10:43 AM (IST)
मेरठ में गौसेवा के लिए जुटे 11 हजार लोग, बनाया विश्व रिकार्ड
मेरठ में गौसेवा के लिए जुटे 11 हजार लोग, बनाया विश्व रिकार्ड

मेरठ (जागरण संवाददाता)। गाय और गंगा को भारतीय संस्कृति की आत्मा मानने वालों की मुहिम असर दिखाने लगी है। गंगानगर में गौसेवा के लिए पहुंचे हजारों स्कूली बच्चों की उत्सुकता देखते ही बन रही थी। आसपास से जुटाई गई 100 गायों को 11 हजार से ज्यादा स्कूली छात्रों ने चारा खिलाकर नया विश्व रिकार्ड बना दिया। शपथ ली गई कि एक भी गोवंश की हत्या नहीं होने दी जाएगी। विधायकों के साथ ही नायब काजी समेत तमाम अल्पसंख्यकों की मौजूदगी ने जता दिया कि गोवंश की सेवा के साथ ही सांप्रदायिक माहौल भी दुरुस्त रहेगा।

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गंगानगर के आइआइएमटी विश्वविद्यालय में शनिवार को गायों एवं गौसेवकों का मेला लगा। कैंपस में बड़ी संख्या में पहुंचे स्कूली छात्रों ने गायों को अपने हाथ से चारा खिलाते हुए गोवंश रक्षा की शपथ ली। अयोध्या से पधारे करपात्री महाराज ने गोवंश की सेवा को अत्यंत पुण्यदायी बताया। उन्होंने गाय को अमृतदायिनी मां बताया। राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाते हुए इसे धर्म एवं जाति से ऊपर बताया। कहा कि राम और कृष्ण के साथ-साथ देश में शहीदों का भी मंदिर बनना चाहिए।

बताया कि नासा के वैज्ञानिकों ने साबित किया कि गाय के दूध में विषाक्त पदार्थ नहीं पहुंच पाता है। यह गाय के कंठ के पास स्थित ग्रंथि में रुक जाता है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोवंश प्रेमी बताया। आइआइएमटी विवि के कुलाधिपति योगेश मोहन गुप्ता ने तकनीकी एवं प्रबंधन की शिक्षा के साथ ही नैतिक पढ़ाई पर भी जोर दिया।

उन्होंने संस्थान में हिन्दी माध्यम से बीटेक कोर्स शुरू करने की बात कही। गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड के प्रतिनिधि रिकॉर्ड मैनेजर आलोक कुमार ने बताया कि गोल्डन बुक असाधारण काम करने वाले लोगों, समूहों और संगठनों को वैश्विक मंच देती है।

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गौवंश की सेवा: दक्षिण अफ्रीका के शॉन, भूटान के ऐल्विस, कोम्बिया के कुंडा व युवती ताशी ने अपने हाथों से गाय को चारा खिलाया। उन्होंने कहा कि भारत में संस्कार व परंपरागत जागरूकता के लिए इस तरह के आयोजन लाभदायी सिद्ध होंगे।

मौलवी ने भी खिलाया चारा: गोसेवा के आयोजन में सांप्रदायिक सौहार्द का भी रंग जमा। दर्जनों मुस्लिमों एवं मौलानाओं ने गाय का टीका करते हुए पूजा थाल से उनकी आरती की। उन्होंने गायों को अपने हाथ से चारा भी खिलाया।

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