मेरठी मल्ल के घर 'नन्हा पहलवान'
जागरण संवाददाता, मेरठ : विश्व के कई धुरंधरों को कुश्ती में पटखनी देने वाली अर्जुन अवार्डी मल्ल अलका तोमर ने अपनी तरह ही एक पहलवान बेटे को जन्म दिया है। यह नवजात बच्चा सामान्य बच्चों की तरह नहीं बल्कि तीन किलो छह सौ ग्राम का है। बेटे के आने के बाद अलका के मायके और ससुराल में खुशी की लहर है।
गढ़ रोड स्थित तुलसी नर्सिग होम में अलका की डिलीवरी हुई। बच्चे का भार अधिक होने की वजह से डाक्टरों को आपरेशन करना पड़ा। पहलवान मां का बच्चा भी पूरी तरह पहलवान ही पैदा हुआ है। हालांकि अलका अभी कुछ दिन अस्पताल में ही रहेंगी, लेकिन जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। बेटा होने की खुशी से जहां एक ओर अलका को बधाईयों का तांता लगा हुआ है, वहीं दूसरी ओर अलका को कुश्ती की ऊंचाईयों तक पहुंचाने वाले गुरु डा. जबर सिंह सोम ने बधाई तो दी, लेकिन उतनी खुशी जाहिर नहीं की। उन्होंने अलका के ससुर से कहा कि उन्हें तो अलका जैसी नन्ही परी के आने का इंतजार था, जिसमें वह अलका देखते।
गुरुजी ने कहा..
अलका जैसी बेटी एक नहीं हजार भी हो तो कम है, उम्मीद थी की अलका की तरह छोटी अलका होगी, जो आगे चलकर अलका की तरह बने।
- डा. जबर सिंह सोम, कुश्ती प्रशिक्षक, सीसीएसयू
अभी गुरु दक्षिणा बाकी
अलका ने ओलंपिक को छोड़कर विश्व की हर स्पर्धा में मेडल जीता, कभी अलका ने अपने गुरु को ओलंपिक में मेडल लाकर या फिर गुरु द्रोणाचार्य अवार्ड दिलाकर गुरु दक्षिणा देने की बात कही थी, लेकिन ओलंपिक में मेडल लाने से रह गई। इसके बाद अलका कुश्ती छोड़कर वैवाहिक बंधन में बंधकर गृहस्थ जीवन में चली गई, उसके गुरु जबर सिंह ने बताया कि अलका उस गुरु दक्षिणा के लिए अगले साल फिर से कुश्ती के मैदान में उतर सकती है। फिलहाल अलका पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में स्पोर्ट्स अफसर के पद पर तैनात हैं।
मेरे लिए दोनों बराबर
बेटा हो या बेटी मेरे लिए दोनों बराबर हैं, बेटी होती तो अपनी तरह बनाती, बेटे को पहलवान सुशील की तरह बनाऊंगी। सिजेरियन आपरेशन हुआ है, छह महीने रेस्ट करना पड़ेगा, उसके बाद कुश्ती में उतरूंगी। डिलीवरी में डा. अमिता अग्रवाल का काफी सहयोग रहा।
- अलका तोमर, अर्जुन अवार्डी मल्ल।
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