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शौचालय का पानी पीते हैं मरीज

By Edited By: Published: Wed, 25 Sep 2013 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2013 03:01 AM (IST)
शौचालय का पानी पीते हैं मरीज

मेरठ : चिकित्सा परिसर में स्वच्छ आबोहवा एवं शुद्ध पेयजल स्वास्थ्य की पहली शर्त होती है, लेकिन मेडिकल कालेज के लंबे-चौड़े कैंपस में पानी की तलाश आपको नई मुसीबत में डाल सकती है। पानी की तलाश में मरीज एवं परिजन घंटों भटकने के बाद आखिर प्रदूषित पानी पीकर गुजारा करने को मजबूर हैं। ऊपरी मंजिलों के तीमारदार शौचालय का पानी पी रहे हैं। मरीज ठीक हो रहा है, तो परिजन लीवर एवं किडनी की बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। पूरे कैंपस में महज एक वाटर कूलर लगा है, जहां पर खाने के समय पानी भरने को लेकर भीड़ जुट जाती है और बुजुर्ग एवं बच्चे वार्डो में वापस पहुंचकर फिर से शौचालय के पानी से जीवन सींचते हैं।

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लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज में विभिन्न वार्डो को मिलाकर एक हजार से ज्यादा बेड हैं, जिसमें अस्सी फीसद बेड मरीजों से भरे हुए बताए जाते हैं। दैनिक जागरण की टीम ने मंगलवार को अस्पताल के तृतीय एवं चतुर्थ मंजिल पर बने वार्डो का जायजा लिया, तो पता चला कि उनमें से अधिकांश शौचालय का पानी पीकर काम चला रहे हैं। चौथी मंजिल पर स्थित नेत्र रोग वार्ड, ईएनटी, कम्यूनिटी वार्ड, पीएमआर विभाग के मरीजों ने बताया कि ओपीडी के बाहर एक मात्र वाटर कूलर लगा है, जहां तक पानी लेने के लिए जाना कठिन काम है। सुबह एवं शाम खाना बंटने से पहले ही कूलर के पास पानी के लिए लंबी कतारें लग जाती हैं। कई बार बुजुर्ग एवं बच्चे पानी लिए बिना वापस जाने को मजबूर हो जाते हैं। बाद में वह अपने शौचालयों में लगे नलों से पानी पीते हैं, जिनमें प्रदूषित पानी की आपूर्ति है। रोजाना करीब एक हजार लोग अस्पताल में उपस्थित रहते हैं। इसके सापेक्ष पानी के लिए महज एक ही वाटर कूलर एवं पेयजल स्रोत है, जिसको लेकर मरीजों की तमाम शिकायतों को भी नकार दिया गया।

चार टंकियां, सिर्फ एक चालू

कैंपस में पेयजल के लिए चार टंकियां हैं, जिनमें से एक खराब पड़ी है। पानी आपूर्ति की क्षमता 25 हजार लीटर है। दो समर्सिबल चालू हैं। महज एक टंकी से आपूर्ति की वजह से फ्लो नहीं बन पाता, और पानी ऊपरी मंजिलों पर मुश्किल से चढ़ता है। टंकियों की सफाई न होने से भयावह प्रदूषित पानी की आपूर्ति हो रही है। सैकड़ों मरीजों के परिजन भी पेट की बीमारियों से त्रस्त हो चुके हैं।

इनका कहना है..

कैंपस में मुख्यमंत्री कोटे से दो नई टंकियां लगाई जाएंगी। ईएनटी, ओपीडी, सर्जरी एवं रेडियोथेरेपी समेत कई विभागों में आरओ लगवाया गया था, जिनकी शीघ्र ही मरम्मत कराई जाएगी।

डा. प्रदीप भारती गुप्ता, प्राचार्य, मेडिकल कालेज।

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