घाघरा के पानी में घिरे 200 मकान
दोहरीघाट (मऊ) : घाघरा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के चलते आई बाढ़ दिनोंदिन विकराल रूप लेती जा रही है। नगर के तीन मुहल्लों के 200 मकान बाढ़ के पानी में बुरी तरह घिर गए हैं। लोगों का आवागमन दुश्वार हो गया है। लहरों से तटों की सुरक्षा के लिए नदी किनारे डाले गए बोल्डर अब प्रबल वेग से बहती जलधारों के साथ खिसकने लगे हैं। खतरे के निशान से 50 सेमी ऊपर बहती नदी की प्रलयंकारी लहरों की टक्कर से महुला-गढ़वल बांध व गोधनी-बीबीपुर बांध को खतरा उत्पन्न हो गया है। भारत माता मंदिर भी लहरों के निशाने पर है। सैकड़ों एकड़ फसलें डूबने से किसानों में हाहाकार मचा है।
गौरीशंकर घाट पर लाल निशान से आधा मीटर ऊपर बह रही नदी का जल कस्बे के तीन मुहल्लों में भरा हुआ है। इससे भगवान टोला, अनुसूचित वार्ड और मल्लाह टोला के 200 घर बुरी तरह से घिर गए हैं। रास्तों पर बाढ़ का पानी भरा हुआ है। इससे इन लोगों का आवागमन दुश्वार हो गया है। पानी लोगों के घरों में घुस गया है। भगवानपुरा में ओमप्रकाश साहू के घर तक और मल्लाह टोला का पूरा रास्ता पानी से भरा है। मेलाराम बाबा मंदिर क्षेत्र के लोगों को भी आवागमन में दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। कीटनाशक दवाओं का छिड़काव न होने से संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका बढ़ती ही जा रही है। घाघरा की लहरें नागा बाबा की कुटी के पास विकराल रूप धारण कर चुकी हैं। उधर सरहरा में लालचंद यादव का मकान नदी में डूबने के कगार पर पहुंच गया है। मुक्तिधाम श्मसान घाट के दक्षिण घाघरा का दबाव बढ़ता जा रहा है। गोधनी-बीबीपुर बंधा और महुला-गढ़वल बांध पर बढ़ रहा नदी का दबाव खतरे की संभावना को बल दे रहा है। एमजी बांध पर ही गोरखपुर-वाराणसी वाया आजमगढ़ सड़क का भविष्य निर्भर है। पूर्व में नदी दो बार उक्त मार्ग को काट चुकी है। अगर गोधनी बंधा कटा तो सैकड़ों गांव तबाह हो जायेंगे। गौरीडीह रेगुलेटर से पाउस ताल का पानी नदी में जा रहा है। लेकिन नदी का जलस्तर जैसे ही गौरीडीह के पास बढ़ा, घाघरा की बाढ़ का पानी ताल में जाना शुरू हो जाएगा। पाउस, बुढ़ावर, चौराडीह, सड़ासो, बीबीपुर गांवों के किसानों की सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न हैं। पतलई गांव, बुढ़ावर दलित बस्ती का मार्ग पानी में डूबा हुआ है।
सूरजपुर संवाददाता के अनुसार घाघरा की प्रलयंकारी लहरें क्षेत्र में तबाही मचा रही हैं। कृषि योग्य भूमि व कई गांव बाढ़ की जद में हैं। स्थानीय गांव स्थित राम जानकी मंदिर की सीढि़यां पूरी तरह से घाघरा के पानी से डूब गई हैं। गांव की महिलाएं व श्रद्धालु नाव के सहारे मंदिर तक तो फिर पानी में डूबी सीढि़यों से होकर पूजन-अर्चन करने जा रहे हैं।
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