बेमानी साबित हो रहे जनसेवा केंद्र
घोसी (मऊ) : सूबे में निजाम बदलते ही आठ विभिन्न विभागों द्वारा आम नागरिकों को प्रदत्त विभिन्न 26 अनिवार्य सेवायें घर के समीप आनलाइन उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी। जनपद में इस हेतु 271 जनसेवा केंद्र खोले गए। एक तीर से दो शिकार यानी बेरोजगारों को रोजगार एवं केंद्र पर मामूली शुल्क अदा कर वांछित प्रमाण पत्र प्राप्त करने की सुविधा का यह कदम बेहद प्रभावी लगा। पर अभी तक मात्र घोसी में ही एक केंद्र से चंद सेवायें मिल रही हैं जबकि अन्य तमाम केंद्र शोपीस बन कर रह गये हैं। यहां आवेदन तो लिये जाते हैं पर प्रमाण पत्र जारी नहीं हो पा रहे हैं।
जनपद में आबादी के अनुरूप विभिन्न स्थानों पर 271 जनसेवा केंद्र या जनसेवा पोर्टल स्थापित किये जाने हेतु लखनऊ की एक निजी संस्था वीएवाईएएम टेक्नोलाजी को ठेका दिया गया। इन केंद्रों एवं शासकीय विभागों के बीच डाटा स्थानान्तरण एवं समन्वयन का दायित्व एनआईसी ने उठाया। बेरोजगार युवकों को कम्प्यूटर के साथ केंद्र स्थापना हेतु 47 हजार एवं बिना कम्प्यूटर लिये स्थापना हेतु 24 हजार की जमानत राशि लेकर केंद्र स्थापित किया गया। इन केन्द्रों पर निवास, जाति, आय प्रमाणपत्र, खतौनी, जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र, परिवार रजिस्टर प्रतिलिपि, विकलांग विवाह प्रोत्साहन राशि एवं विधवा विवाह प्रोत्साहन राशि सहित आठ विभागों द्वारा कुल 26 सुविधायें मुहैया कराये जाने की घोषणा से आम नागरिकों ने तहसील एवं शासकीय कार्यालयों के चक्कर से निजात मिलने का ख्वाब पाल लिया। अगस्त माह की प्रथम तिथि से केंद्र स्थापना का आगाज हुआ। अब तक लगभग लक्ष्य के अनुरूप केंद्रों की स्थापना भी की जा चुकी है। बावजूद इसके यह केंद्र शोपीस बन गये हैं। यहां आवेदन तो लिया जाता है, तहसील के मुख्य कम्प्यूटर से तुरंत संदर्भ नंबर एवं प्रमाण पत्र प्राप्त होने की संभावित तिथि 'सात कार्य दिवस बाद' अंकित पावती मिल जाती है। पर अभी तक कई सप्ताह बीत जाने के बाद भी प्रमाण पत्र नहीं मिल सका है।
ऐसे तो चल चुका केंद्र
घोसी (मऊ) : जनपद के प्रथम जनसेवा केंद्र का शुभारंभ स्थानीय नगर में स्वयं जिलाधिकारी ने एक अगस्त को किया था।
तब से अब तक सैकड़ों आवेदन पत्र प्राप्त हो चुके हैं। गुरुवार को प्रथम बार घोसी केंद्र से प्रमाण पत्र जारी हुए पर महज आय, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र एवं खतौनी ही मिली। समस्त सुविधायें एवं प्रमाणपत्र न मिलने से उपभोक्ताओं का अब टोंटा होने लगा हैं। ऐसे में तो इन बेरोजगारों को रोजगार देने की मंशा से स्थापित केंद्र चल चुके।
प्रावधान को लेकर संशय
घोसी (मऊ) : शासन एवं प्रशासन ने जनसेवा केंद्रों की स्थापना तो कर दिया पर बहुत से बातें अभी स्पष्ट नहीं है। एनआईसी प्रभारी विनोद कुमार इस बाबत दिशा निर्देश बेहद स्पष्ट होने की बात करते हैं। श्री कुमार ने वांछित प्रमाण पत्र के साथ आवश्यक सबूत संलग्न न किये जाने एवं उक्त को स्कैन कर कम्प्यूटर पर लोड न किये जाने के चलते तमाम आवेदन निरस्त हो जाने की जानकारी दी। उधर आम नागरिक एवं संचालक आनलाइन आवेदन पत्र पर तहसील कार्यालय के संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा आख्या आनलाइन दिये जाने की बात करते हैं। विभिन्न सुविधाओं हेतु विभिन्न आवश्यक दस्तावेजों की अनिवार्यता के बाबत तथ्य स्पष्ट न होना भी एक समस्या है।
डिजिटल हस्ताक्षर की अनुपलब्धता
घोसी (मऊ) : जनसेवा केंद्रों के माध्यम से जारी प्रमाण पत्रों पर निर्गत करने वाले अधिकारी का डिजीटल हस्ताक्षर अनिवार्य है। अभी तक यह व्यवस्था न हो सकी है।
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