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शराब की दुकान खोलने पर विरोध , सड़क जाम

घोसी (मऊ) : स्थानीय नगर अंतर्गत मधुबन मार्ग से स्थानांतरित बीयर एवं विदेशी शराब की दुकानें शनिवा

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Apr 2017 05:50 PM (IST)Updated: Sun, 30 Apr 2017 05:50 PM (IST)
शराब की दुकान खोलने पर विरोध , सड़क जाम
शराब की दुकान खोलने पर विरोध , सड़क जाम

घोसी (मऊ) : स्थानीय नगर अंतर्गत मधुबन मार्ग से स्थानांतरित बीयर एवं विदेशी शराब की दुकानें शनिवार की शाम मानिकपुर असना में दोबारा खुलते ही आक्रोशित नागरिकों ने रविवार की सुबह चक्काजाम कर दिया। काफी देर तक चली लंबी वार्ता के बाद उक्त दोनों दुकानें अन्यत्र स्थानांतरित किए जाने एवं मकान मालिक द्वारा दुकान खाली कराए जाने के आश्वासन के बाद जाम समाप्त हुआ।

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उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन के क्रम में घोसी नगर में संचालित देशी शराब, विदेशी एवं बीयर की दुकानें एक अप्रैल को घोसी-मधुबन मार्ग पर ग्रामीण क्षेत्र मानिकपुर असना में स्थानांतरित हुईं। यहां पर पूर्व से ही देशी शराब की एक दुकान संचालित थी। ऐसे में एक ही स्थान पर चार दुकानें संचालित होने से मदिरा प्रेमियों का जमघट लगने लगा। इसके विरोध में दो अप्रैल को नागरिकों ने चक्काजाम कर दिया। मौके पर पहुंचे कोतवाल शैलेश ¨सह के निर्देश पर तीनों नई दुकानें बंद कर दी गईं। शनिवार की शाम दोबारा यह दुकानें खुल गईं। इसका विरोध करते हुए रविवार की सुबह प्रधान रेयाज अहमद दारा, हाजी कमालुद्दीन, हाजी मसूद, हाजी नसीरूद्दीन, किसान नेता शेख हिसामुद्दीन, अहसन खां तस्सू, पूर्व प्रधान इसरार, लालबिहारी, मुहम्मद आरिफ, इजहार खान, अशफाक कल्लू, रेहान, इमदाद, एकलाख, मुस्तफा, नईमुद्दीन, हदीस अहमद एवं मोहम्मद सोचन आदि ने चक्काजाम कर दिया। इन दुकानों के समीप ही मदरसा, मस्जिद एवं मजार होने का तर्क देते हुए बंद किए जाने पर ही जाम समाप्त किए जाने की शर्त रखा। मौके पर पहुंचे एचसीपी लालसाहब ¨सह के आवश्यक कार्रवाई के आश्वासन पर जाम समाप्त हुआ। बहरहाल तत्काल प्रभाव से अब सभी चार दुकानें बंद कर दी गई हैं।

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यह भी है तकनीकी दिक्कत

नगर पंचायत घोसी में राष्ट्रीय राजमार्ग उत्तर-दक्षिण दिशा में है। ऐसे में उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार इस मार्ग से पांच सौ मीटर दूर पूरब या पश्चिम ही दुकानें स्थानांतरित होनी हैं। कस्बा खास, करीमुद्दीनपुर, मदापुर एवं करीमुद्दीनपुर को अपवाद मान लें तो पांच सौ मीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र प्रारंभ हो जाता है। उधर कस्बा खास में पूर्व से ही शराब की दुकान संचालित है। अन्य मुहल्ले रिहायशी हैं जहां मंदिर, मस्जिद एवं विद्यालय हैं। ऐसे में दुकानों का स्थानांतरण ग्रामीण क्षेत्र में ही होगा। इन दुकानों की लाइसेंस फीस नगर पंचायत के आधार पर हुई है न कि ग्रामीण क्षेत्र के आधार पर। ग्रामीण क्षेत्रों में लाइसेंस फीस कम होती है। अब तकनीकी दिक्कत यह कि नगरीय क्षेत्रानुसार लाइसेंस फीस जमा करने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में ही दुकानों का संचालन होगा। मझवारा मोड़ के नाम से संचालित देशी मदिरा एवं माडल शाप घोसी इन दिनों ग्रामीण क्षेत्र में ही संचालित हैं। इस बाबत विभाग भी मौन है।


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