बाढ़ और कटान से बचाव का नहीं हुआ उपाय
जागरण संवाददाता, सूरजपुर (मऊ) : जब-जब चुनाव आता है तो देवारावासियों में एक उम्मीद नेताओं द्वारा
जागरण संवाददाता, सूरजपुर (मऊ) : जब-जब चुनाव आता है तो देवारावासियों में एक उम्मीद नेताओं द्वारा जगाई जाती है। उन्हें बाढ़-कटान से सुरक्षित करने का सपना दिखाकर चुनावी मैदान में उतरते हैं मुद्दा वे खुद बनाकर वादा कर जाते हैं मगर बात जब उसे पूरा करने की आती है तो वे सारे वादे भूल जाते हैं। कुछ मिलता है देवारावासियों को तो बस, इन नेताओं की लग्जरी गाड़ियों से उड़ती धूल।
दोहरीघाट ब्लाक क्षेत्र में घाघरा के समूचे तटवर्ती इलाके सहित देवारांचल बरसात के दिनों में बाढ़ की भयावहता व कटान की विभीषिका से कराह उठता है। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर प्रशासन की तरफ से मात्र आश्वासन की घुट्टी देने का काम उस समय किया जाता है। इनके जख्मों पर मुआवजे का मरहम भी लगाने की सफल कोशिश नहीं हो पाती। पिछले डेढ़ दशक से भी अधिक समय से ये लोग अपनी ¨जदगी घाघरा के कहर की मार को झेलते हुए आगे बढ़ा रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था की दिशा में स्थाई उपाय किसी ने किए जाने की जहमत नहीं उठाई। हां, मगर राजनीतिक फायदा लेने से जरा भी परहेज नहीं। चुनावी मौसम में जब भी कोई नेता पहुंचा तो बाढ़ व कटान से सुरक्षा को मुद्दा बनाकर वोट मांग लिया मगर बात जब कुछ करने की आई तो उनको पहचानने से भी इंकार कर दिया। यही कारण है कि घाघरा नदी से बाढ़ व कटान से प्रभावित इलाकों की सुरक्षा अभी भी रामभरोसे है। यहां यह भी बता दें कि कुछ स्थानों को सुरक्षित करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं मगर फिर भी वे स्थान सुरक्षित नहीं। बल्कि सुरक्षा पर खर्च रुपयों पर भी सवाल खड़े हैं।
लोकल के सहारे धार देने में जुटे प्रत्याशी
सूरजपुर : चुनाव प्रचार में जुटे प्रत्याशी हर चट्टी-चौराहों पर एक लोकल टीम बनाकर कुछ लोगों को सक्रिय कर चुनाव को तेज करने में जुट गए हैं। हर समय लग्जरी वाहनों से धूल उड़ाने वाले भी आज पैदल की यात्रा ज्यादा पंसद कर रहे हैं। वहीं कभी न दिखने वाले चेहरे भी आज बिन बुलाए लोगों के दरवाजों पर हाजिरी लगाने पहुंच जा रहे हैं।