आवासीय योजना पर सवाल है बसंत की मंड़ई
घोसी (मऊ) : आवासीय योजनाओं के पारदर्शी संचालन के दावों पर स्थानीय ब्लाक अंतर्गत सेमरी जमालपुर निवासी
घोसी (मऊ) : आवासीय योजनाओं के पारदर्शी संचालन के दावों पर स्थानीय ब्लाक अंतर्गत सेमरी जमालपुर निवासी राजपति के पुत्र बसंत हरिजन का कच्चा आवास सवाल खड़ा करता है। मिट्टी की दीवार डाली गई मंड़ई और बारिस में प्लास्टिक डाल कर पानी की बूंदों का रोकने का प्रयास पात्रों के चयन में गंवई राजनीति का सर्वोत्तम उदाहरण भी है।
हरेक गरीब आवासहीन के सिर पर छत मुहैया कराने को तमाम योजनाएं अरसे से संचालित हैं। इन योजनाओं का नाम, स्वरूप एवं आवंटित अनुदान राशि बदलती रहती है पर नहीं बदली तो योजना के संचालकों की नीयत। सेमरी जमालपुर दलित बस्ती के दक्षिणी पूर्वी किनारे पर खड़ंजा के ठीक बगल में बसंत का आवास है। मिट्टी की दीवार पर मंड़ई डालकर परिवार संग गुजारा करते बसंत ने इंदिरा, महामाया एवं लोहिया आवास के लिए प्रयास तो कई बार किया पर आज तक अंतिम सीढ़ी तक बात न पहुंच सकी। एक बार तो जांच भी हुई और पत्नी के नाम बैंक में खाता भी खुला पर ऐन वक्त पर सूची से नाम ही गायब। पता लगा कि गंवई राजनीति और तत्कालीन प्रधान का विपक्षी होना उसकी सबसे बड़ी कमी बन गई। गरीबी से जूझते भूमिहीन बसंत को तो यह भी नहीं पता कि उसका नाम आवासहीन सूची में अंकित है नहीं। बीपीएल कार्ड एवं पात्र गृहस्थी सूची में पत्नी का नाम होने का अलावा उसने आज तक किसी शासकीय योजना का नाम तक नहीं सुना है।
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अनिल का भी है यही हाल
बसंत के सगे भाई अनिल के आवास का भी कमोबेश यही हाल है। उसकी आंखों में तैर रही पूरे परिवार के सिर पर छत होने की आस कब पूरी होगी, प्रशासन ही बेहतर जानता है।
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होगा प्रयास : प्रधान
सेमरी जमालपुर की प्रधान बरखी देवी एवं प्रतिनिधि बुट्टन, बसंत एवं अनिल को प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र बताते हैं तो इन दोनों का नाम आवासहीन सूची में अंकित होने का दावा भी करते हैं। प्रधान प्रतिनिधि बुट्टन ने इन दोनों को आवास दिलाने हेतु हर संभव प्रयास किए जाने का वादा किया है।