दोहरी शिक्षा नीति पर छात्र उद्वेलित, धरना
मऊ : देश की आजादी के छह दशक बाद भी दोहरी शिक्षा प्रणाली को लेकर अब छात्र उद्वेलित होने लगे हैं। पूरे
मऊ : देश की आजादी के छह दशक बाद भी दोहरी शिक्षा प्रणाली को लेकर अब छात्र उद्वेलित होने लगे हैं। पूरे देश में समान शिक्षा, समान अधिकार की मांग को लेकर छात्र कलेक्ट्रेट में तीन दिवसीय धरने पर बैठ गए, आरोप लगाया कि कभी शिक्षा सेवा का भाव थी परंतु आज व्यवसायिक हो गई है, जो लोकतंत्र पर कुठाराघात है। धरने का नेतृत्व कर रहे शैलेश कुमार ने कहा कि हमारा देश लोकतांत्रिक देश है। इसलिए सभी को शिक्षा का समान अधिकार मिलना चाहिए। कहा कि आज देश के छह दशक बीतने के बाद भी मुल्क में दोहरी शिक्षा नीति भली-भांति फलफूल रही है। हालांकि देश में आजादी के आंदोलन का सपना था कि एक समान शिक्षा सबको दी जाए। जिस पर आज तक की हमारी चुनी हुई सरकारें एक कदम भी नहीं बढ़ पाई, बल्कि शिक्षा को जो सेवा का विषय था उसे व्यवसायिक बनाने में संलिप्त हैं जो लोकतंत्र पर कुठाराघात है। मुंशी ने कहा कि आज गरीबों को साजिश के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से बाहर किया जा रहा है। क्योंकि जब शिक्षा को बेचने का काम होने लगा तो इसको खरीद पाना गरीबों की पकड़ से बाहर है। छात्रों ने एक स्वर में कहा कि गरीबों के साथ भेदभाव किया जा रहा है जो कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर जगदीश ¨सह टाइगर, श्यामसुंदर, मनोज यादव, अशोक ¨सह, अजय कुमार, दिनेश मौर्य आदि उपस्थित थे।