बुनकर मजदूरों को भी मिले योजनाओं का लाभ
मऊ : बुनकरों और कामगारों की इस नगरी में अधिकांश बुनकर सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से वंचित हैं। बड़े पै
मऊ : बुनकरों और कामगारों की इस नगरी में अधिकांश बुनकर सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से वंचित हैं। बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं समाजवादी पेंशन योजना के लाभ से गरीब, बुनकर व असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों को वंचित रखा गया है। जनपद के बुनकरों-मजूदरों का रैपिड़ सर्वे कराकर उन्हें इन योजनाओं के लाभ से आच्छादित रखा जाय। गरीबी व भुखमरी के कारण बुनकर यहां से खाड़ी देशों को पलायन करने को विवश हैं। उत्तर प्रदेश बुनकर वाहिनी के लोगों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर धरना दिया और इन हालातों को दर्शाते हुए एक मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम बजरिए जिला प्रशासन को सौंपा।
ज्ञापन में जनपद के सभी बुनकर मजदूरों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में शामिल करने, रैपिड़ सर्वे कराकर उन्हें समाजवादी पेंशन योजना में शामिल करने, बुनकर मजदूरों को राशन कार्ड 2011 की जनगणना की बजाय 2016 की गणना के आधार पर उपलब्ध कराने, बुनकर मजदूरों को ईंट की दीवार की बुनियाद पर राशन कार्ड पात्र गृहस्थी से वंचित न करने, फर्जी तरीके से गरीब बुनकरों के नाम जारी राशन कार्डों की जांच कराते हुए उन्हें सरेंडर कराने, सरकारी अस्पताल में भ्रष्टाचार रोकने, गरीबों को हर हाल में सरकारी अस्पताल से दवा उपलब्ध कराने, घरेलू काम करने वाली बुनकर महिलाओं को 2000 रुपये प्रतिमाह पेंशन दिए जाने की मांगें शामिल हैं। धरना देने वालों में बुनकर वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष एकबाल अहमद अंसारी, सगीर अहमद, अफरोज आलम, मोहम्मद बेलाल, अनवारुल हक, शौकत अली, सफीउल्लाह, अजहर अली, मोहम्मद आसिफ, गनी अहमद, फिरोज अहमद, कमाल, सफदर अली, रईस अहमद आदि थे।