भक्ति से प्रसन्न होंगे भगवान : मणिराम
मऊ : अयोध्या से आए संत मणिराम दास ने कहा कि भगवान केवल भक्तों की भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं। इसका
मऊ : अयोध्या से आए संत मणिराम दास ने कहा कि भगवान केवल भक्तों की भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि उन्होने चीर-हरण के समय द्रौपदी की आवाज सुनी और उसके लाज को बचा लिया। उनके शरण में आने वाले हर शरणागत भक्त की लाज इसी प्रकार से बचा लेते है।
भीटी स्थित हनुमान नगर में भागवत कथा के आंठवें दिन उन्होने भगवान कृष्ण की बचपन की लीलाओं का वर्णन किया। उन्होने कहा कि भगवान ने ब्रज की धरती पर माधुर्य लीला एवं मथुरा की धरती पर ऐश्वर्य लीला का प्रदर्शन किया। गोपियों के साथ श्रीकृष्ण ने काम के विकार से विरक्त होकर नृत्य किया। जब अकुर जी भगवान को लेने के लिए नंद बाबा के पास गए तो उन्होने इसका जबरदस्त विरोध किया। कहा कि भगवान तो स्वयं भक्तों के अधीन होते हैं। श्री दास ने कहा कि प्रत्येक स्त्री के लिए पति सेवा ही सर्वोपरि है। उसे किसी पूजा पाठ की आवश्यकता नहीं है। विषय को बदलते हुए उन्होने एकादशी व्रत कथा के महत्व को भी समझाया। अंत में कृष्ण और रुक्मिणी का विवाह आकर्षक झांकी के साथ संपन्न हुई। इस अवसर पर अमरनाथ मिश्र, अभिषेक राय, धमेंद्र गुप्ता, सभाजीत जायसवाल, विवेक शुक्ल, पूर्णमासी प्रधान, उर्मिला, मंजू, प्रियंबदा पांडेय, आरके पांडेय आदि उपस्थित रहे।