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इंदारा-दोहरीघाट रेलमार्ग जर्जर

-किसी बड़े हादसे की आशंका से भयभीत हैं क्षेत्र के लोग कोपागंज (मऊ) : छोटी लाइन इंदारा-दोहरीघाट रेलम

By Edited By: Published: Thu, 23 Oct 2014 05:28 PM (IST)Updated: Thu, 23 Oct 2014 05:28 PM (IST)
इंदारा-दोहरीघाट रेलमार्ग जर्जर

-किसी बड़े हादसे की आशंका से भयभीत हैं क्षेत्र के लोग

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कोपागंज (मऊ) : छोटी लाइन इंदारा-दोहरीघाट रेलमार्ग पर यात्रा करना जान जाखिम में डालने के बराबर है। रखरखाव के अभाव में रेल पटरियां न केवल जर्जर हो चुकी हैं बल्कि पटरियों पर से पत्थर व गिट्टियां गायब होती जा रही हैं। पटरियां जर्जर होने के कारण मार्ग पर चलने वाली डीएमयू ट्रेन को कम करके चलाया जाता है। ऐसी हालत में विभाग की यह लापरवाही किसी दिन बड़े हादसे का सबब बन सकता है।

गौरतलब है कि करीब 15 वर्ष पूर्व इंदारा-दोहरीघाट रेलमार्ग पर चलने वाली आठ, दस डिब्बों की ट्रेन का संचालन के समय मार्ग पर पड़ने वाले कोपागंज, घोसी, अमिला, गोंठा, दोहरीघाट रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को हर सुविधाएं मुहैया थीं। व्यापारिक द़ष्टिकोण से यह रेलमार्ग काफी महत्वपूर्ण था। हजारों लोगों की रोजी-रोटी इस इस रेलमार्ग से जुड़े थे। हर स्टेशन पर मालगोदाम हुआ करता था। बड़े ट्रेन का संचालन होने से रेल विभाग को घाटा समझ में आया। बड़ी ट्रेन का संचालन कर दो डिब्बों की रेल बस चलाकर सभी रेल मार्ग पर पड़ने वाले विभागीय आवासीय भवनों और गोदामों को परित्यक्त घोषित कर यात्रियों की सारी सुविधाएं वापस लेते हुए स्टेशनों को ठेकदारों को सौंप दिया। तबसे स्टेशन का रखरखाव रामभरोसे ही चल रहा है। क्षेत्रीय लोगों की मांग व धरना के बाद रेल विभाग ने बाद में दो डिब्बों की रेल बस के बजाय चार डिब्बों के डीएमयू ट्रेन का संचालन शुरू किया। क्षेत्रीय निवासी धीरेंद्र सिंह, संजीत कुमार यादव, राकेश यादव, राम नवल राही, जितेंद्र गोयल, योगेंद्र, शंभूनाथ शर्मा, विमल गुप्ता कहते हैं कि चुनाव के समय इंदारा-दोहरीघाट रेलमार्ग को तब्दील कर बड़ी-बड़ी रेल लाइन बनाने का आश्वासन नेताओं द्वारा दिया जाता है, लेकिन चुनाव बाद सभी वादे भूल जाते हैं।


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