दवाओं की वैधता तिथि चेक करलें किसान
घोसी (मऊ) : कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. डीपी सिंह ने किसानों को दवा एवं कल्चर
घोसी (मऊ) : कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. डीपी सिंह ने किसानों को दवा एवं कल्चर सहित बीजोपचार हेतु प्रयुक्त हरेक सामग्री की एक्सपायरी तिथि अवश्य चेक करने की सलाह दी है। वह इफको द्वारा गोद लिए गए क्षेत्र के अरियासो में शुक्रवार को कृषि गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इफको ने यहां तीस किसानों को जल में घुलनशील एक-एक किग्रा यूरिया फास्फेट का नि:शुल्क वितरण किया।
डॉ. डीपी सिंह ने कहा कि माइक्रोन्यूट्रेंट नामक जैविक उत्पाद मृदा एवं बीजोपचार, दोनों हेतु प्रयुक्त किया जाता है। लाल निशान लगी रासायनिक दवाओं का प्रयोग अपरिहार्य स्थिति में ही नियमानुसार करें। ऐसे रसायन बेहद नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने रबी की फसल चना, मटर एवं सरसों की शीघ्र बोआई करने को कहा। श्री सिंह ने रबी की प्रत्येक फसल की बोआई, उर्वरक, सिंचाई एवं संभावित रोगों की विस्तृत चर्चा किया। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विनय कुमार सिंह ने कहा कि खेती में कार्बनिक एवं जैविक उर्वरकों के प्रयोग के लिए पशुपालन आवश्यक है। उन्होंने पशुओं में संक्रामक रोग खुरपका-मुंहपका, लंगड़ी एवं गलाघोटू आदि के लक्षण, उपचार एवं बचाव के उपाय बताया।
इफको के उप क्षेत्रीय प्रबंधक राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि जल में विलनशील उर्वरक का प्रयोग पौधे में कल्ला निकलने के दौरान करें। एक प्रतिशत का घोल यानी एक सौ लीटर पानी में एक किग्रा उर्वरक का घोल बनाकर छिड़काव करें। इसका कई गुना प्रभाव होगा। उन्होंने इफको द्वारा इस गांव में संचालित कार्यक्रमों की समीक्षा किया। सहकारिता विभाग के एडीसीओ ने भी उपयोगी जानकारी दी। गोष्ठी में अशोक सिंह, रामजीत मौर्य, मोहित प्रजापति, महेंद्र यादव, रामऔतार एवं वनमाली आदि तमाम किसान रहे। इफको के स्थानीय प्रतिनिधि डॉ. देवी प्रसाद सहगल ने आभार जताया।