नीचे आया जलस्तर, कटान तेज
दोहरीघाट (मऊ) : बीते 24 घंटों में घाघरा के जलस्तर में कमी आई है। पानी का यह घटाव सिंचाई विभाग के लिए फिर परेशानी का सबब बनकर उभरा है। कारण कि पानी घटते ही एक बार फिर कटान में तेजी आ गई है। नदी जब बाढ़ पर होती है तो कटान कम हो जाती है। पानी चढ़ने के बाद इसमें आई कमी ने विभाग का तनाव 16 घंटे के लिए जरूर कुछ कम कर दिया था किंतु बाढ़ की आशंका से तटवासी फिर सहम गए थे।
अवराडांड में मंगलवार को नदी 70.45 मीटर पर बह रही थी, जो खतरा बिंदु से महज 5 सेंमी ऊपर है। जबकि गौरीशंकर घाट पर जलस्तर 69.55 मीटर है। वहां यह खतरा बिंदु 69.90 से 35 सेंटीमीटर नीचे है। घाघरा के पानी में बढ़ाव और घटाव का क्रम जारी है। यह अनिश्चितता सिंचाई विभाग को फिक्रमंद बनाए हुए है। नदी की अस्थिर प्रकृति विभागीय अधिकारियों के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। दर्जनों मजदूरों एवं मशीनों के साथ विभाग घाघरा की चुनौती से निपटने के लिए चिउंटीडांड में डेरा डाले हुए है। वहां बीते 16 घंटों में घाघरा का जलस्तर घट गया है।
डेंपनर पर दबाव बढ़ा
चिउंटीडांड़ में घाघरा का जलस्तर भले ही घट गया हो, अन्य तटवर्ती क्षेत्रों में अभी भी नदी का उफान जारी है। इसके चलते डेंपनर के समीप के नदी तट पर डाले गए बोल्डर लांच कर रहे हैं। नदी का दबाव डेंपनर पर वर्तमान समय में काफी है। इसके दक्षिण रिंगबांध के करीब तक घाघरा पहुंच चुकी है। नदी की लहरें तटवर्ती इलाकों की मजबूत जमीन को काटकर अपनी धारा में विलीन करती जा रही हैं। सिंचाई विभाग घाघरा को रोकने के लिए कटानस्थल पर बोल्डर गिरा रहा है।