संसद में उठी तमसा की आवाज
मऊ : आखिरकार तमसा नदी को अविरल करने की मांग देश की संसद में गूंजी। सांसद हरिनारायन राजभर ने नदी किनारे बने स्लाटर हाउस को बंद करने की मांग की। कहा है कि स्लाटर हाउस के चलते तमसा नदी का जल गंदा हो रहा है।
सांसद श्री राजभर ने कहा है कि नगर की सुरक्षा के लिए वर्ष 1980 में नगर की सुरक्षा के लिए तटबंध का निर्माण किया गया। ढेकुलियाघाट से शुरू हुआ बंधा लगभग चार किमी भदेसरा गांव तक जाता है। इसी तटबंध पर तमसा किनारे नगर पालिका के द्वारा पांच वर्ष पूर्व अवैध स्लाटर हाउस का निर्माण कराया गया। जबकि नदी किनारे पशु वधशाला की व्यवस्था नहीं है। यह नदी बलिया जनपद में जाकर पतित पावनी गंगा में मिलती है। इस वधशाला में रोजाना सैकड़ों पशुओं का वध किया जाता है। इससे वध का जैविक कचरा नदी में गिराया जाता है। नदी तट पर मंदिर व स्नानघाट हैं। इससे गंदा पानी होने से आचमन व स्नान करना दूभर हो गया है। भारत सरकार द्वारा नमामि गंगे नाम से गंगा व अन्य नदियों को अविरल करने का संकल्प लिया गया है। सांसद ने सदन के जरिए मांग की कि गंगा के अविरल जल को बचाने के लिए अवैध रूप से काटे जा रहे पशुओं की वधशाला को बंद कराने के साथ ही नदियों को प्रदुषण मुक्त कर घाटों का सुंदरीकरण भी किया जाए। यह जानकारी भाजपा उपाध्यक्ष संजय पांडेय ने दी है। उधर भाजपा के राजेश सिंह राज, प्रवीण गुप्ता, राकेश मिश्रा, संतोष सिंह आदि ने सांसद को तमसा का मुद्दा उठाने के लिए बधाई दी है।