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डिघिया नाला पर घाघरा खतरा बिंदु के पार

By Edited By: Published: Wed, 23 Jul 2014 07:33 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jul 2014 07:33 PM (IST)
डिघिया नाला पर घाघरा खतरा बिंदु के पार

दोहरीघाट (मऊ) : तेजी से बढ़ती घाघरा नदी की जिले में तीन स्थानों पर तीन तरह का रूप देखने को मिला। तेज रफ्तार से बढ़ती नदी ने जहां आजमगढ़ की सीमा पर अवराडांड़ में डिघिया नाला के पास खतरा बिंदु को पार कर लिया और उफन कर 70 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगी। वहीं गौरीशंकर घाट तक आते-आते उसकी रफ्तार कम हो गई और वहां नदी के जलस्तर में 24 घंटे में महज 3 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई। नदी और आगे बढ़ी तो मधुबन के देवारांचल में हाहानाला पर उसके बढ़ाव में स्थिरता दर्ज की गई।

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विभिन्न इलाकों में नदी के अलग-अलग रुख को देखकर लोगों में अलग-अलग तरह के भाव व्याप्त हैं। अवराडांड़ में जहां नदी का रौद्र रूप देखकर लोग भयभीत हैं, वहीं दोहरीघाट में तेजी से हो रही कटान से सभी आशंकित हालांकि मधुबन के देवारांचल में लोगों ने राहत की सांस ली है।

बीते घंटों में तेज रफ्तार से बढ़ी नदी अवराडांड़ में डिघिया नाला पर खतरा बिंदु को पार करके 70 सेमी ऊपर बह रही है। जनपद की पश्चिमी सीमा पर स्थित उक्त नाला पर खतरा बिंदु 70.40 मीटर है जबकि घाघरा का जलस्तर सुबह 8 बजे 71.09 मीटर 12 बजे 71.10 मीटर दर्ज किया गया। बाद में घाघरा की रफ्तार धीमी हो गई। बढ़े जलस्तर व कटान से तटवर्ती लोगों में भय व्याप्त है। गौरीशंकर घाट पर सुबह 8.00 बजे 69.62 मीटर पर घाघरा का जलस्तर रहा। 12 बजे 69.63 मीटर पर पहुंच गया।

नागा बाबा कुटी समीप घाघरा का कटान जारी

नागा बाबा कुटी के समीप हो रही कटान से रामपुर धनौली तथा अगल-बगल के गांवों के किसान भूमिहीन हो रहे हैं। धनौली से मुक्तिधाम तक 960 मीटर भूमि अति संवेदनशील है। जब नदी उफान पर होती है तो 960 मीटर में कटान करती है। सिंचाई विभाग उक्त भूमि का बचाने के लिए 5 कटर बनाए हुए हैं। परंतु कटर नदी की धारा को रोक पाने में असफल साबित हो रहे हैं।

डोमराज का घर खतरे में

गौरीशंकर घाट पर खतरे के निशान की ओर बढ़ती घाघरा द्वारा की जा रही कटान से नगर के लोग भयभीत हैं। डोमराज का परिवार घाघरा की उफान के चलते भयभीत है। रात से ही नदी बैक रोलिंग करके पत्थर के बोल्डरों को अपने में समाहित कर रही है। डोमराज का घर के नीचे से काट रही नदी की धारा में विलीन हो सकता है। सिंचाई विभाग ने बोल्डर से डोमराज के घर के नीचे पीचिंग जरूर किया है। लेकिन बैक रोलिंग करके नदी नीचे-नीचे काट रही है। नीम के पेड़ के नीचे नदी ने गहरा गड्ढा कर दिया है। किसी भी समय कटान हो सकती है।

कटान रोकने के लिए स्थाई उपाय जरूरी

उक्त स्थल पर कटान रोकने का स्थाई प्रबंध जब तक नहीं होगा। घाघरा को रोक पाना कठिन है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि धनौली मुक्तिधाम तक 960 मीटर पर कार्य करने के लिए साढ़े बाइस करोड़ का प्रोजेक्ट शासन में भेजा गया है। प्रोजेक्ट स्वीकृत भी हो चुका है। धनराशि मिलते ही कटान रोकने का स्थाई प्रबंध किया जाएगा। जो भी हो 1988 से सिंचाई विभाग प्राजेक्ट बनाता है। फिर भी कटान रुक नहीं पाती है।


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