धुनात्मक नाम महापुरुषों के पास होता है
मथुरा: जयगुरुदेव आश्रम में चल रहे 69वें वार्षिक भंडारा सत्संग-मेले के दूसरे दिन आयोजित प्रवचन
मथुरा: जयगुरुदेव आश्रम में चल रहे 69वें वार्षिक भंडारा सत्संग-मेले के दूसरे दिन आयोजित प्रवचन में राष्ट्रीय उपदेशक बाबूराम और सतीशचंद्र ने श्रद्धालुओं को बाबा जयगुरुदेव के वचनों का स्मरण कराया। बाबूराम ने कहा कि जन्म-मरण से छुटकारा धुनात्मक नाम से मिलता है।
उन्होंन कहा कि धुनात्मक नाम महापुरुषों के पास होता है। जब वे नाम से परिचय करा देंगे तो ईश्वर के मुख से निरंतर आ रही आसमानी आवाज को मनुष्य शरीर में जीवात्मा के कान से सुन सकेंगे। चौरासी के बंधन से छुटकारा मिल जायेगा। आगे कहा कि कलियुग में बाबा जयगुरुदेव ने मनुष्य शरीर में छिपे हुए देवी-देवताओं का दर्शन करने और अपने निज घर जाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों को 'नामदान' देकर नाम की साधना में लगाया। लोगों को शाकाहार अपनाने और नशीली चीजों को छोड़ने के लिए अभियान चलवाया।
सतीष चंद्र ने बताया कि दादा गुरु के मिशन को बाबा जयगुरुदेव ने आगे बढ़ाया। बाबा जयगुरुदेव ने जगह-जगह सत्संग किया, जिसके कारण कारण हम लोग उनके नजदीक पहुंचे और जीवन के उद्देश्य को समझ सके। यदि आज हम लोग उनके संपर्क में नहीं आए होते तो नामधन से वंचित रह जाते। इस संसार में जीव नकली चमक-दमक की तरफ भागता है। वह माया की झूठे बाजार में दौड़ता है। गुरु की दया बराबर हो रही है, जिसका जितना ही अधिक प्रेम गुरु से होगा, गुरु की दया उतनी ही मिलेगी। सभी लोगों को चाहिए अपने गुरु से सच्चा प्रेम करें जिससे मानव जीवन सफल हो जाए। जयगुरुदेव मंदिर में स्वामी घूरेलाल लाल महाराज दादा गुरु का पूजन आरंभ हो गया है और मेला में अनुयायियों के आने का क्रम जारी है।