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गोपीनाथ बाग में मन कचोट रहे गंदगी के ढेर

जासं, वृंदावन (मथुरा): प्राचीन सप्तदेवालयों में शामिल गोपीनाथ मंदिर से सटे गोपीनाथ बाग की घनी अ

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Nov 2017 06:26 PM (IST)Updated: Sun, 19 Nov 2017 06:26 PM (IST)
गोपीनाथ बाग में मन कचोट रहे गंदगी के ढेर
गोपीनाथ बाग में मन कचोट रहे गंदगी के ढेर

जासं, वृंदावन (मथुरा): प्राचीन सप्तदेवालयों में शामिल गोपीनाथ मंदिर से सटे गोपीनाथ बाग की घनी आबादी गंदगी से परेशान है। जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर और आवारा पशु यहां दिनभर घूमते रहते हैं। गलियों में फैली दुर्गंध के कारण लोग घर के दरवाजे खोलने से परहेज करते हैं। बच्चों का गली में खेलना भी संभव नहीं है। कई बार नगर पालिका परिषद में शिकायत के बावजूद सुनवाई नहीं हुई। अब नगर निगम के चुनाव में दावेदार जब घरों में वोट मांगने पहुंच रहे हैं तो लोग भी कह उठते हैं कि हमारी भी सुनो..।

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मिलीजुली आबादी वाले गोपीनाथ बाग क्षेत्र करीब-करीब हर जाति का प्रतिनिधित्व करता है। आबादी के हिसाब से नगरीय स्तर पर पार्टियों की जीत-हार तय करने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाला ये इलाका आज भी सुविधाओं से अछूता है। सभासदों ने अपने स्तर पर भले ही पेयजल की किल्लत दूर कर दी हो। मगर, सफाई के मामले में आज भी पिछड़ा इलाका ही नजर आता है।

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गंदगी के कारण घर से बाहर कदम रखना मुश्किल हो जाता है। एक दिन भी सफाई न हो तो सूअर पूरी सड़क पर कचरा फैला देते हैं।

मौना अग्रवाल

तीन साल से पूरे क्षेत्र में गंदगी की दुर्गंध इतनी होने लगी है कि घर के दरवाजे खोलने में डर लगता है। बच्चे घरों में कैद होने को मजबूर हैं।

ऊषा कुलश्रेष्ठ

कई बार नगर पालिका में गंदगी को लेकर शिकायत की। मगर, सुनवाई नहीं हुई। कभी-कभी एक दिन सफाई कर दी जाती है।

दीपक शर्मा

शिकायत पर सुनवाई नहीं होती। सफाईकर्मी भले ही अपने काम को पूरा करते हैं। मगर, सूअर गंदगी के लिए सबसे बड़ी समस्या बन चुके हैं।

राजू मंडल


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