गोपाल अभिषेक के लिए ज्यादा दूध देने लगी गाय
पवन निशान्त, संवाददाता, मथुरा: योग योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण अपनी जन्म स्थली मथुरा के श्री कृष्ण
पवन निशान्त, संवाददाता, मथुरा: योग योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण अपनी जन्म स्थली मथुरा के श्री कृष्ण जन्म स्थान पर जन्माष्टमी की अर्ध रात्रि जन्म लेंगे। इसके तुरंत बाद उनका पंचामृत से अभिषेक होगा और पंचामृत में शामिल तीन तत्व श्री कृष्ण गोशाला की गाय प्रदान करेंगी। श्री कृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान द्वारा संचालित श्री कृष्ण गोशाला की करीब सौ गाय अभी से रंभाने लगी हैं और ज्यादा से ज्यादा दूध का समर्पण कर अपने आराध्य को प्रसन्न करने के लिए व्याकुल हो रही हैं। पंचाभिषेक में इन्हीं गायों का दूध, दही और शुद्ध घृत का प्रयोग किया जाएगा।
ब्रज में गोशालाओं की कमी नहीं है, ¨कतु श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान द्वारा संचालित गोशाला कई मायनों में अनूठी है। जन्म स्थान परिसर में ही गो मुक्ति संवर्धन क्षेत्र है। साहीवाल और गिरि प्रजाति की देसी गाय हैं। शास्त्रों में साहीवाल गाय नंदबाबा की गोशाला की वंशज मानी गयी हैं। जन्माष्टमी पर प्रभु के पंचाभिषेक में इन गायों का सौ लीटर से अधिक दूध, इससे बना दही और घी का प्रयोग किया जाएगा।
जन्माष्टमी में अभी दो दिन शेष हैं, लेकिन गोशाला की गाय कई दिन पहले से न केवल पूर्व से ज्यादा दूध देने लगी हैं, बल्कि उनके हाव-भाव और प्रतिक्रियाओं में भी अंतर आया है। गो सेवकों की मानें तो ऐसा हर बार जन्माष्टमी से पहले होने लगता है और इनके दूध की मात्रा भी बढ़ जाती है। विशेष आयोजनों में जब भी इनके दूध की ज्यादा मात्रा की जरूरत होती है, इसकी पूर्ति भी गोशाला से हो जाती है। इस बार अभी से ज्यादा दूध मिलने लगा है और इसकी मात्रा हर दिन बढ़ रही है। बछड़ों की उछल-कूद बढ़ गयी है और उनके रंभाने का समय भी बढ़ गया है।
गोशाला का कार्यभार संभाल रहे अनुराग पाठक ने बताया कि जन्माष्टमी पर हम अपनी ही गोशाला के दूध का इस्तेमाल करेंगे। इसी दूध से दही और घी बनाया जाएगा। केवल शहद और शक्कर बाहर से आएगी। गोशाला में कुछ समय बिताकर इन गायों के हाव-भाव आसानी से समझे जा सकते हैं।