मुखर होगी यमुना शुद्धि आंदोलन की आवाज
बरसाना (मथुरा): बृषभान नंदनी के धाम से शुरू हुई ब्रज चौरासी कोस की 40 दिवसीय राधारानी ब्रज
बरसाना (मथुरा): बृषभान नंदनी के धाम से शुरू हुई ब्रज चौरासी कोस की 40 दिवसीय राधारानी ब्रज यात्रा मंगलवार को ब्रज के विरक्त संत रमेश बाबा के सानिध्य में गहवरन में संकल्प लेकर प्रारंभ हो गई। यात्रा में करीब पंद्रह हजार श्रद्धालुओं का समागम है, जबकि गहवरन के पीछे यात्रा ने अपना पहला पड़ाव डाला है। यात्रा बरसाना में दो दिन पड़ाव करेगी। यात्रा में सर्वाधिक वेस्ट बंगाल के लोग शामिल हैं। पहले दिन श्रद्धालुओं ने राधा कृष्ण के लीला स्थलों के दर्शन कर अपने को कृतार्थ किया।
यात्रा पड़ाव स्थल में सुबह करीब 6 बजे रमेश बाबा ने सभी श्रद्धालुओं को संकल्प दिलाया कि यात्रा के दौरान यमुना मुक्ति अभियान तथा गांव-गांव सफाई अभियान चलाएंगे। पिछले 30 वर्षों से चल रही ब्रज यात्रा में अनेक विदेशी भक्त भी भाग ले रहे हैं। यात्रा की शुरूआत सन 1988 में पहली बार विरक्त संत रमेश बाबा ने राधारानी की प्रेरणा से शुरू की थी। उस समय यात्रा में करीब दो सौ लोगों ने भाग लिया, लेकिन अब इसका बड़ा रूप हो गया है।
ब्रजयात्रा श्रद्धालुओं को निश्शुल्क कराई जा रही है। लोगों के लिए भोजन व दवा आदि भी निश्शुल्क दी जा रही है। यात्रियों को दाल-रोटी प्रसाद के रूप में दिया जा रहा है, वही बंगाली भक्तों को पुलाव-खिचड़ी दी जा रही है। इस मौके पर संत रमेश बाबा ने कहा कि जो मनुष्य जीवन में एक बार ब्रज चौरासी कोस की यात्रा कर ले तो उसका जीवन धन्य हो जाता है। वह सभी पापों से मुक्त होकर परम ब्रह्म में लीन हो जाता है। चौरासी कोस की यात्रा करने वाले जीव पर कभी भगवान की माया का प्रभाव नहीं पड़ता।
यात्रा के पहले दिन श्रद्धालुओं ने ढवाला गांव में स्थित नौबारी चौबारी, रत्नकुंड, श्याम शिला, नई गोशाला आदि के दर्शन किए। बरसाना में यात्रा का दो दिवसीय पड़ाव मान मंदिर के पीछे है। सुबह से लेकर शाम तक श्रद्धालुओं द्वारा हरिनाम संकीर्तन किया जा रहा है तो शाम को विरक्त संत रमेश बाबा ब्रज यात्रा का महत्व समझा रहे हैं।