डेरा की ¨हसा से ब्रज के संत नाराज
जासं, वृंदावन (मथुरा): डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम को न्यायालय द्वारा बलात्कार
जासं, वृंदावन (मथुरा): डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम को न्यायालय द्वारा बलात्कार का दोषी करार देने के बाद अनुयायियों की ¨हसा देख नाराज ब्रज के संतों ने हालातों की कड़े शब्दों में ¨नदा की है। संतों का मानना है कि सनातन धर्म में ¨हसा का कोई स्थान नहीं है। बाबा के भक्तों को कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए कदम आगे बढ़ाने चाहिए। न कि ¨हसा फैलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना चाहिए।
-कृष्ण कृपा धाम के गीता मनीषी संस्थापक महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज कहते हैं कि बाबा राम रहीम को सजा देने का मामला कोर्ट के अधीन है। मगर, उनके अनुयायी जिस प्रकार ¨हसा फैला रहे हैं, वह कतई उचित नहंी। अनुयायियों को कानून के मुताबिक अपनी लड़ाई आगे बढ़ानी चाहिए। न कि जनसामान्य में भय फैलाने और सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचानी चाहिए।
-महामंडेश्वर स्वामी भास्करानंद ने कहा कि बाबा राम रहीम कोई संत नहीं हैैं, उन्हें संत कहना ही गलत है। अगर, कोर्ट ने दोषी करार दिया है तो उसे स्वीकारना चाहिए। उनके अनुयायी जिस प्रकार से ¨हसा फैला रहे हैं, वह पूरी तरह गलत है। जो लोग ये काम कर रहे हैं वे गुमराह किए गए हैं। राम रहीम की संस्था द्वारा भोले-भाले लोगों गुमराह करके इस तरह की ¨हसा फैलवाई जा रही है।
-जगन्नाथ मंदिर के महंत स्वामी ज्ञानप्रकाश पुरी कहते हैं कि कोर्ट ने बाबा राम रहीम को दोषी करार दिया है। ये कोर्ट का मामला है। मगर, सड़क पर जिस प्रकार से ¨हसा फैलाई जा रही है। इसके लिए भी पूरी तरह बाबा राम रहीम और उनकी संस्था दोषी है। बाबा के आदेश पर ही लाखों अनुयायियों को गुमराह कर इस प्रकार की ¨हसा फैलाई जा रही है। इसके लिए पुलिस प्रशासन भी जिम्मेदार है।