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कृष्ण जन्मभूमि पर लगेगा 125 मन का भोग, आनंद में डूबे श्रद्धालु

मतुरा-वृंदावन में प्रकृति मेहरबान तो लाखों श्रद्धालुओं का मन हर्षित है।मेरौ मन अनंत कहां सुख पावै। श्रीकृष्ण प्राकट्योत्सव पर ब्रज के अलावा मन नहीं लगता।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 23 Aug 2016 09:17 PM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 04:21 PM (IST)
कृष्ण जन्मभूमि पर लगेगा 125 मन का भोग, आनंद में डूबे श्रद्धालु

मथुरा (जेएनएन)। मेरौ मन अनंत कहां सुख पावै। श्रीकृष्ण के प्राकट्योत्सव पर ब्रज के अलावा कहीं मन नहीं लग रहा। यहां प्रकृति मेहरबान है, तो लाखों श्रद्धालुओं का मन हर्षित। मंदिरों में भव्य आयोजन की तैयारियां हैं। जन्माष्टमी पर गुरुवार को मंदिरों में लाला के जन्मोत्सव की खुशी में जमकर प्रसाद लुटाया जाएगा।

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तस्वीरों में देखें-श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी

श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर ही 125 मन का भोग लाला को लगेगा। द्वारिकाधीश मंदिर और बृज के प्रमुख मदिरों का अनुमान लगाया जाए तो भोग की मात्रा 500 मन से ऊपर पहुंच जाएगी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर कान्हा के भोग के लिए सवा सौ मन की भोग सामग्री तैयार हो रही है। लड्डुओं के अलावा मेवा-पाग का प्रसाद बनाया जा रहा है। भगवान को मेवा, गोंद और मिंगी के लड्डुओं का भोग बन रहा है। प्रसाद को बाहर और भीतर श्रद्धालुओं के बीच बांटा जाएगा। इस्कॉन, बांकेबिहारी, राधारमन मंदिर पर 7100 लीटर दूध, दही, शक्कर, शहद और जड़ी बूटियों से प्रभु का अभिषेक किया जाएगा।

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दिनभर होंगे मंदिरों के दर्शन

श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव पर जन्मभूमि मंदिर में सुबह 5.30 से रात्रि 1.30 बजे तक खुले रहेंगे। श्रद्धालु भागवत भवन, श्रीकेशेवदवेजी, योगमाया, गिरिराज, कारागार आदि के दर्शन कर सकेंगे।

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परंपरा फिर शुरू होगी

बांकेबिहारी जी महाराज को साल में एक ही दिन होने वाली मंगला आरती में इस साल 101 थाल में सजाकर छप्पन व्यंजन भोग में परोसे जाएंगे। जन्मोत्सव की मंगला आरती के सेवाधिकारी बालकृष्ण गोस्वामी ने बताया कि करीब 35 साल पहले तक जन्माष्टमी पर ही होने वाली मंगला आरती के मौके पर ठा. बांकेबिहारीजी को छप्पन व्यंजन भोग में अर्पित होते थे। मगर फिर सुरक्षा के मद्देनजर दर्शन स्थगित कर दिए गए। इस साल निर्णय लिया कि ठाकुरजी को छप्पनभोग अर्पित होने के दर्शन श्रद्धालुओं को कराएंगे। वैसे बांकेबिहारी मंदिर में 25 अगस्त की रात 12 बजे सेवायत ठाकुरजी के श्रीविग्रह का महाभिषेक करेंगे। इसके बाद 1.45 बजे मंदिर के पट खुलेंगे और मंगला आरती होगी। शुक्रवार सुबह 5.30 बजे तक ठाकुरजी भक्तों को दर्शन देंगे। फिर सुबह 7.45 बजे मंदिर के पट खुलने के साथ नंदोत्सव आरंभ होगा।


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