डिप्रेशन में विवेचक, दो सहयोगी तैनात
जागरण संवाददाता मथुरा: फतेहपुर सीकरी थाने में ¨हदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के बवाल की जांच के मामले
जागरण संवाददाता मथुरा: फतेहपुर सीकरी थाने में ¨हदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के बवाल की जांच के मामले में दबाव से क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर ही डिप्रेशन में चले गए। इसके बाद दो सहायक विवेचक विवेचना को तैनात किए गए हैं। बुधवार को इस मामले की जांच रिपोर्ट कोर्ट में दी जानी थी, परंतु जांच अधिकारी के बीमार होने से यह रिपोर्ट पेश नहीं की जा सकी।
आगरा के फतेहपुर सीकरी और सदर थाने पर 22 अप्रैल को ¨हदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हमला कर पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की थी। आगरा पुलिस ने बवाल में ¨हदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज कर 14 हमलावरों को जेल भेजा था। इसमें बजरंग दल और विहिप के कुछ पदाधिकारी भी शामिल थे। मुकदमे में 38 नामजदों सहित 450 अज्ञात लोग हैं। यह पूरा बवाल सीकरी के संघ प्रचारक समेत नौ के खिलाफ डकैती और जानलेवा हमले के मुकदमों को खत्म कराने को लेकर 22 अप्रैल को शुरू हुआ था। तत्कालीन डीआइजी महेश कुमार मिश्र ने इसकी जांच 26 अप्रैल को मथुरा क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित की थी। जांच इंस्पेक्टर संसार ¨सह राठी कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार ¨हदू संगठनों का मामला होने की वजह से शुरू से ही केस को खत्म करने को लेकर उन पर दबाव था। एफआर लगाने के लिए दबाव डाला जा रहा था। वहीं पिछली तारीख पर अदालत ने जांच अधिकारी को केस से विवेचना में गलत तरीके से नाम निकाले जाने पर कड़ी फटकार लगाई थी। अदालत ने तथ्यों की जानकारी भी चाही थी।
न्यायालय ने जांच अधिकारी से जल्द चार्जशीट दाखिल करने को कहा। यह चार्ज शीट बुधवार को देनी थी। मगर मंगलवार को ही वह बीमार हो गए और अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। उन्हें हाई ब्लेडप्रेशर की भी शिकायत है। इसकी जानकारी लगते ही एसपी क्राइम राजेश सोनकर ने इस केस की विवेचना के लिए दो सह विवेचक बनाने का आदेश कर दिया। अब जल्द ही इंस्पेक्टर संसार ¨सह राठी के साथ दो और विवेचक इस केस की आगे की विवेचना करेंगे। एसपी क्राइम ने बताया कि चूंकि जांच अधिकारी बीमार हैं, इसलिए उनके सहयोग को दो और विवेचक लगाने के लिए एसएसपी को पत्र लिखा है।
क्यों आए डिप्रेशन में: जांच अधिकारी पर दोहरा दबाव है। एकतरफ ¨हदू संगठन कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए सत्ता का दबाव है, तो दूसरी ओर अदालत पूरे मामले पर नजर रखे हुए है। पिछली तारीख पर आइओ संसार सिंह को फटकार लग चुकी है, इसलिए वह कोई रिस्क लेने को तैयार नहीं हैं।