जहां ज्ञान की कमी वहां अशांति: विराग सागर
संवाद सूत्र, कोसीकलां (मथुरा): जहां ज्ञान की कमी होती है वहां अशांति का रहना स्वाभाविक है। वहां सुख
संवाद सूत्र, कोसीकलां (मथुरा): जहां ज्ञान की कमी होती है वहां अशांति का रहना स्वाभाविक है। वहां सुख भी नहीं है। भारत ज्ञान एवं शांति दोनों भावों की स्थली रही है। यह बात जैन मुनि विराग सागर महाराज ने गुरुवार को एमडी जैन स्कूल में प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भारत की भूमि पर राम, कृष्ण, महावीर आदि देवों के साथ-साथ महान संतों व महापुरुषों ने जन्म लिया।
इससे पूर्व गणाचार्य जैन मुनि विराग सागर महाराज ने गुरुवार की सुबह पहली बार 49 पिच्छियों के साथ नगर में मंगल प्रवेश किया। बैंड बाजों के साथ उनके साथ अन्य जैन संतों को नगर भ्रमण कराया गया। यहां जगह-जगह उनका पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। जैन मुनियों की शोभायात्रा जैन धर्मशाला से प्रारम्भ होकर पुराना जीटी रोड, घंटाघर, होते हुए माभई स्थित एमडी जैन सीनियर सेकेण्डरी स्कूल प्रांगण में पहुंची। जहां महाराज श्री का समाज के अध्यक्ष सुभाष चंद लोहिया, सकल दिगम्बर जैन समाज के मंत्री कैलाश चंद जैन चंदौरियां, विद्यालय संरक्षक ओमप्रकाश जैन, विनोद कुमार जैन, सतीश चंद जैन व अध्यक्ष कैलाश चंद जैन सर्राफ ने पाद प्रक्षालन व आरती उतारकर स्वागत किया। कार्यक्रम में चेयरमैन बीपी रुहेला, तरुण सेठ, समाजसेवी नरेंद्र इंजी, सतीश चंद जैन, प्रेमचंद जैन, नवीन जैन, मुकेश कुमार जैन, राहुल जैन कांमिया, अरुण जैन सर्राफ, अशोक जैन सर्राफ, रामू जैन, भारत जैन, दीपक जैन, अनुराग जैन, अखिल कुमार जैन, अजय गोइंका आदि उपस्थित रहे।