खेतों में बन गए कंकरीट के आशियाने
जागरण संवादाता, मथुरा : मथुरा-गोवर्धन मार्ग स्थित गांव सतोहा गांव में शांतनु महाराज का तपस्थल है।
जागरण संवादाता, मथुरा : मथुरा-गोवर्धन मार्ग स्थित गांव सतोहा गांव में शांतनु महाराज का तपस्थल है। गांव में बना शांतनु कुंड इस बात का प्रतीक भी माना जाता है। यहां गांव में करीब 600 बीघा पक्के खेत में खेती होती थी जो वर्तमान में करीब 150 बीघा ही रह गई है। यहां करीब एक दर्जन कालोनियां बस गई हैं। यहां पेयजल और गंदगी मुख्य समस्या है।
धरोहर के दृष्टि से महत्वपूर्ण शांतनु कुंड को भी सुंदरीकरण का इंतजार है। इसकी हालत देख श्रद्धालु भी आहत होते हैं। अधिकांश गांव में खारा पानी है वह भी बहुत नीचे। केवल कुंड की तरफ का पानी ही पीने के योग्य है। यदि इस तरफ टंकी बनाकर सप्लाई दी जाए तो कुछ हद तक समस्या खत्म हो सकती है। गांव में करीब एक दर्जन हैंडपंप भी खराब हैं। जिनके घर में अपने हैंडपंप नहीं हैं वह पानी की बूंद-बूंद के लिए परेशान हैं। यहां सफाई का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। नालियां चोक रहती हैं और गंदा पानी सड़कों पर बहता है। सफाई कर्मी भी कभी-कभी नजर आते हैं। यह गांव नगर निगम में शामिल होने जा रहा है। पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण गांव पर शासन-प्रशासन की भी नजर नहीं हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ भी लोगों को नहीं मिल पा रहा है और पर्यटन बढ़ाने के लिए भी कोई योजना नहीं आई है।
-------------------------------------------------
क्या कहते हैं लोग
शांतनु कुंड पर रोजाना श्रद्धालु आते हैं, लेकिन पता नहीं कब से इसकी सफाई नहीं हुई है। कुंड को साफ कर दिया जाए तो श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी।
नृ¨सह दास
--------------------
गांव में पीने के लिए मीठा पेयजल नहीं हैं। गांव के अधिकांश भाग का पानी खारा है। कुंड की तरफ ही मीठा पानी है, लोग यहीं से भरकर ले जाते हैं। गांव में पानी की टंकी बनाकर यदि पेयजल की सप्लाई मिले तो कुछ राहत मिल सकती है।
रामशरण
------------
लोगों को सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। छह माह से वृद्धावस्था पेंशन का इंतजार कर रहे हैं। धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होते हुए भी गांव में सफाई का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। अब तो गांव नगर निगम में आ गया है तो सुनने वाला भी कोई नहीं हैं।
------------
गांव में खेती सिमट गई है। करीब 150 बीघा खेत ही रह गया है। गांव में कॉलोनियां बन गई हैं। यदि मोदी ने चेक से लेन-देन शुरू नहीं कराया होता तो बचे खेत पर भी कॉलोनियां बस गई होतीं।
उदय ¨सह
------------------------
जनसंख्या- 7000
दिव्यांग पेंशन - 70
वृद्धा पेंशन - 25
बीपीएल- 40
गृहस्थी- 600
अंतोदय- 25
विद्यालय- एक प्राथमिक विद्यालय, तीन प्रावइेट